दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और मनी लांड्रिंग मामले के आरोपित रॉबर्ट वाड्रा की इस दलील पर आपत्ति जताई है कि वे अगस्त महीने में दुबई में मेडिकल इमरजेंसी में रुकना पड़ा। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने उन्हें विदेश जाने की अनुमति देते समय जो शर्तें तय की थी ये उसका उल्लंघन है। कोर्ट ने वाड्रा को इसके लिए नोटिस जारी किया है।
वाड्रा ने कोर्ट को बताया था कि वे इंग्लैंड से दुबई गए जहां उन्हें मेडिकल इमरजेंसी के लिए रुकना पड़ा। कोर्ट ने वाड्रा से पूछा है कि विदेश जाने की अनुमति देते समय उनके द्वारा जो फिक्स्ड डिपॉजिट की रसीद कोर्ट में जमा की गई थी उसे क्यों न जब्त कर लिया जाए। कोर्ट ने कहा कि जो यात्रा टिकट की कॉपी दाखिल की गई है उससे साफ है कि वाड्रा को 25 अगस्त से 29 अगस्त तक दुबई में रुकना था। वे 29 अगस्त को लंदन जाने वाले थे।
दरअसल कोर्ट ने 12 अगस्त को वाड्रा को 4 हफते के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी। वाड्रा की विदेश यात्रा में ब्रिटेन, दुबई, स्पेन और ईटली जाना था। विदेश जाने की अनुमति के लिए दाखिल हलफनामे में कहा गया था कि वाड्रा दुबई के रास्ते ब्रिटेन जाएंगे। वाड्रा ने अपने हलफनामे में कहा है कि उन्हें दुबई में इसलिए रुकना पड़ा क्योंकि उनके बायें पैर में डीप वेन थ्रॉम्बोसिस था और उन्हें ब्रिटेन की यात्रा से पहले पर्याप्त आराम करने की सलाह दी गई थी।
बता दें कि मनी लांड्रिंग के मामले में जब कोर्ट ने 1 अप्रैल 2019 को वाड्रा को अग्रिम जमानत दी थी तो ये शर्त लगाया था कि उन्हें देश के बाहर जाने के पहले कोर्ट की अनुमति लेनी होगी।
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