स्वदेशी जागरण मंच ने भारतीय अर्थव्यस्था को मापने के मानक (जीडीपी) के स्थान पर एक नई मापन प्रणाली बनाने का विचार रखा। भारतीय किसान संघ ने जैविक कृषि को बढ़ावा देने पर जोर दिया। आरोग्य भारती ने सम्पूर्ण चिकित्सा पद्धति को अपनाने का विचार रखा।
बैठक की जानकारी देते हुए डॉ. मनमोहन वैद्य, साथ में हैं श्री सुनील आंबेकर (बाएं)
गत दिनोें रायपुर (छत्तीसगढ़) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक संपन्न हुई। अंतिम दिन सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने बैठक की जानकारी पत्रकारों को दी।
उन्होंने बताया कि भारत की स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अवसर पर संघ से प्रेरित सभी संगठनों ने देश के स्वत्व को जाग्रत करने के लिए कार्य को विस्तार देने पर चर्चा की। बैठक में ग्राहक पंचायत ने स्थानीय वस्तुओं को बढ़ावा देने और विकेंद्रीकृत अर्थव्यवस्था पर जोर देने की बात कही।
स्वदेशी जागरण मंच ने भारतीय अर्थव्यस्था को मापने के मानक (जीडीपी) के स्थान पर एक नई मापन प्रणाली बनाने का विचार रखा। भारतीय किसान संघ ने जैविक कृषि को बढ़ावा देने पर जोर दिया। आरोग्य भारती ने सम्पूर्ण चिकित्सा पद्धति को अपनाने का विचार रखा। देश में स्वभाषा के मान को प्रशासन में शामिल करने, न्यायपालिका की कार्यप्रणाली में भारतीय भाषा के प्रयोग करने पर विचार हुआ।
उन्होंने बताया कि देश-दुनिया में संघ कार्य बढ़ रहा है। संघ से प्रेरित 36 संगठन समाज में कार्य कर रहे हैं। ये सभी स्वायत्त और स्वतंत्र हैं। इसलिए समन्वय बैठक में कोई निर्णय नहीं होता, बल्कि विभिन्न विषयों पर चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण हुए हैं। इस उत्सव में संघ के विभिन्न संगठनों ने अपना योगदान दिया है।
शैक्षिक महासंघ ने 2,00,000 विद्यार्थियों की सहभागिता से कार्यक्रम किए। संस्कार भारती ने वंदे मातरम् का गायन किया और पूरे देश में 75 नाटकों का मंचन किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 87,000 से अधिक स्थानों पर तिरंगा फहराया।
उन्होंने कहा कि भारत का स्व यानी स्वाधीनता, स्वदेशी, स्वराज में एक समान शब्द है। समन्वय बैठक में सभी को जोड़ने वाले इस स्व को प्रकट करने पर चर्चा हुई। एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. वैद्य ने कहा कि कांग्रेस लोगों को नफरत से जोड़ना चाहती है। वे लोग लंबे समय से हमारे प्रति अपने मन में घृणा रखते हैं। इसके बाजवूद हमें लोगों का प्यार मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि उनके पूर्ववर्तियों ने भी संघ का तिरस्कार किया और पूरी ताकत से उसे रोकने का प्रयास किया, हम पर प्रतिबंध लगाए, लेकिन संघ को रोका नहीं जा सका। उन्होंने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर संघ ने प्रस्ताव पारित किया है। इसमें कहा गया है कि अगले 50 वर्ष बाद स्थिति क्या रहेगी, उसे देखते हुए नीति बने।
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