मिशनरी से जुड़े लोग किस हद तक जाकर हिंदुओं को ईसाई बनाने का काम करते हैं, इसका एक उदाहरण देखने लायक है। ये लोग गरीब हिंदू परिवारों की निरक्षर लड़कियों को भी नहीं छोड़ते हैं। कुछ लोग बिहार की कैमूर पहाड़ी स्थित दर्जनों गांवों की गरीब बेटियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण का झांसा देकर नागपुर ले जा रहे थे। बताया जा रहा है कि इन बच्चियों की संख्या 59 थी। इनमें 16 बच्चियों को पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से सकुशल मुक्त करा लिया गया। अभी तक 43 बच्चियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इन बच्चियों को अक्षर ज्ञान भी नहीं है। फिर भी इन्हें कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए ले जाया जा रहा था। पूर्व में भी नौहट्टा एवं रोहतास प्रखण्ड से मानव तस्करी की बड़ी घटनाएं सामने आयी हैं।
रोहतास जिले के रोहतास प्रखण्ड के हरैया, कपरफुट्टी एवं नौहट्टा प्रखण्ड के रेहल, जोन्हां, चुनहट्टा समेत कई गांवों की लड़कियाँ इनमें शामिल हैं। इन्हें झारखंड के गढ़वा जिला निवासी रामबदन करकेटा कम्प्यूटर व अन्य व्यावसायिक प्रशिक्षण का झांसा देकर नागपुर ले जा रहा था। रामबदन गढ़वा जिले के भंडरिया थानांतर्गत खजुनी गांव का निवासी है। इसके पहले भी वह 20 नाबालिग बच्चियों को नागपुर पहुँचा चुका है। मुक्त कराई गई बच्चियों ने बताया कि उन्हें नागपुर स्थित अनुग्रह सेवा मंडल ले जाया जा रहा था। यह मिशनरी संस्था है। इनकी गतिविधियों पर कुछ पंचायत प्रतिनिधियों को शक डेहरी स्टेशन पर ही हो गया था। उनलोगों ने पुलिस व रेल प्रशासन को इसकी सूचना दी। डेहरी आर.पी.एफ. निरीक्षक रामबिलास राम ने एक किशोरी को घबराई अवस्था में देखा। शक के आधार पर जब पूछताछ की गई तो सारे मामले का उद्भेदन हुआ। उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए इसकी सूचना आगे के रेलवे स्टेशन तक भिजवाई। फलतः पुलिस और आरपीएफ सक्रिय हुई और 16 लड़कियां पं. दीनदयान उपाध्याय जंक्शन से मुक्त हो सकीं।
इस पूरे मामले में संगीता सिस्टर का नाम आ रहा है, जो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वह रोहतास जिले के गांव कपरफुट्टी की निवासी है। संगीता 2 वर्ष पूर्व नागपुर गई थी। वहाँ से लौटने के बाद वह सिस्टर संगीता बन गई। उसने ही अभिभावकों को बहला-फुलसलाकर बच्चियों को नागपुर भेजने के लिए प्रेरित किया था। इस मामले में मुकेश कुमार का नाम भी सामने आ रहा है। सिस्टर संगीता पूरे क्षेत्र से बच्चियों को लेकर तिलौथू सेंटर पहुँचाती थी। उसने वहां एक मकान भी किराये पर ले रखा था। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये लोग मानव तस्करी से जुड़े हैं और इन बच्चियों को भी तस्करी करके नागपुर ले जाया जा रहा था।
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