कोरोनकाल के दौरान देश में लगभग दो सालों तक शिक्षण क्षेत्र के साथ-साथ अध्ययन के क्षेत्रों में आए ठहराव व अन्य विसंगतियों को दूर करने की दिशा में काम करेगी विद्या भारती। इसके अतिरिक्त नई शिक्षा नीति की नीतियों को स्कूल-स्कूल व हर विद्यार्थी, अध्यापक व अभिभावक तक पहुंचाने सहित शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए विद्या भारती की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कल गुरुवार से जालन्धर के विद्या धाम में शुरू होने जा रही है। इसमें शिक्षा क्षेत्र से जुड़े देश भर के 216 डैलीगेट्स भाग लेंगे। यह विचार विद्या भारती के राष्ट्रीय महामन्त्री अवनीश भटनागर ने विद्या धाम में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए दी। 15 से 17 सितम्बर तक चलने वाली इस बैठक में शिक्षा से जुड़े सभी विषयों व बिन्दुओं पर गहन चर्चा की जाएगी और इन निष्कर्षों को 2025 तक लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोरोनकाल के दौरान न केवल स्कूल-कालेज छोडऩे वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी बल्कि ऑनलाइन कक्षाओं के बावजूद अध्ययन व अध्यापन के क्षेत्र में भी ठहराव आया। अध्ययन का अर्थ केवल पुस्तकों का अध्ययन या पाठ्यक्रम पूरा करना नहीं बल्कि कक्षा में जाकर विद्यार्थी कई तरह की शिक्षा व सामाजिक व्यवहार सीखता है। इसी तरह कक्षाओं में अध्यापक भी अपनी बात सहजता से विद्यार्थियों तक पहुंचाता है और विद्यार्थियों की बात भी सुन पाता है। लेकिन ऑलाइन कक्षाओं के कारण इस क्षेत्र में ठहराव आ गया। इसे दूर करने के लिए इस बैठक में शिक्षाविदों के साथ विशेष चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य अगली पीढ़ी को शिक्षित करने के साथ-साथ संस्कारित, कार्यकुशल, व्यवहार कुशल व आदर्श नागरिक के रूप में विकसित करना है। उन्होंने बताया कि 1952 में गोरखपुर में पहले विद्यालय से शुरू हुई विद्या भारती के वर्तमान में 12000 औपचारिक व 12500 अनौपचारिक विद्यालय (इनमें एकल विद्यालय व संस्कार केन्द्र शामिल हैं) चल रहे हैं जिनमें 133000 अध्यापक पढ़ा रहे हैं। नई शिक्षा नीति के बारे में इन अध्यापकों में से लगभग सवा लाख को किसी न किसी रूप में प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने देश में शिक्षा के स्तर, शिक्षण संस्थानों की स्थिति, रोजगारोन्मुखी शिक्षा नीति, कौशल विकास, शिक्षा के स्तर सहित अनेक विषयों पर विचार रखे। इस मौके पर विद्या भारती के उत्तर क्षेत्र के संगठन मन्त्री विजय सिंह नड्डा, महामन्त्री देशराज शर्मा भी मौजूद थे।
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