केरल से टी. सतीशन
केरल के बहुत बड़े संत श्री नारायण गुरू की जयंती के अवसर पर हर साल उनके भक्त अनेक आयोजन करते रहे हैं। केरल में जगह जगह इस अवसर पर विषेश पूजा-अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। सामाजिक पुनर्जागरण के पुरोधा माने जाने वाले श्री नारायण गुरू के प्रति लोगों में बड़ी आस्था है और उनके लाखों भक्त आज भी उनके दिखाए सत्मार्ग का अनुसरण करके समाज में प्रेम का संचार कर रहे हैं। लेकिन इस साल 10 सितम्बर को उनकी जयंती पर कोल्लम में आयोजित कार्यक्रम में एसडीपीआई के जिहादी तत्वों ने जमकर हिंसा मचाई और कार्यक्रम में बाधा डाल दी।
भारत के एक प्रमुख हिन्दू संत के जयंती समारोह पर एसडीपीआई के गुंडों के हमले ने अनुष्ठान में व्यवधान ही नहीं डाला बल्कि हिंसा और तोड़फोड़ करके दस से अधिक श्रद्धालुओं को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी हैं। तिस पर विडम्बना ये है कि प्रदेश की कम्युनिस्ट माकपा सरकार ने इन पंक्तियों के लिखे जाने तक एक भी जिहादी को गिरफ्तार नहीं किया है।
घटनाक्रम के अनुसार, कोल्लम में सस्तमकोट्टा नामक स्थान पर श्री नारायण गुरू की स्मृति में आयोजित विशाल समारोह में उस वक्त बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहा था। तभी जिहादी तत्व व्यवधान डालने के लिए कार्यक्रम स्थल के ठीक सामने तेज आवाज करतीं अपनी मोटरसाइकिलें घुमाने लगे। शोर से आयोजन बाधित हो रहा था। जब गुंडों ने अपनी शैतानी जारी रखी तो आयोजकों ने उन्हें रोका और रफ्तार कम करने को कहा।
जिहादी गुस्से से भड़क गए और उस वक्त वहां से चले गए। लेकिन थोड़ी ही देर में करीब 40 मोटरसाइकिलों पर सवार होकर एसडीपीआई के गुंडे आए और समारोह में आए श्रद्धालुओं पर टूट पड़े, उन्होंने हमला बोल दिया। आयोजकों को विशेष रूप से हिंसा का शिकार बनाया गया, क्योंकि वो उन्हें भगदड़ मचाने से रोक रहे थे। वहां मौजूद महिलाएं और बच्चे काफी डर गए और रोने लगे। जिहादियों ने पूजा की साज-सज्जा और सामान तहस-नहस कर दिया। दस लोगों को गंभीर चोटें आईं जिन्हें फौरन मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया।
इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में तनाव व्याप्त है। बताया जाता है कि उक्त इलाका ‘मिनी तालिबान’ के नाम से कुख्यात है जहां एसडीपीआई के जिहादी खुलेआम हिन्दुओं का राह चलना मुश्किल करते रहे हैं। यहां के ये जिहादी तत्व अनेक हिंसक घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। कई साल पहले यहीं पर स्वामी अयप्पा के दर्शन को जा रहे श्रद्धालुओं पर हमला बोला गया था। यहां रहने वाले एक फौजी के घर हमला किया गया, एक मंदिर में ‘अन्नदानम’ आयोजन पर इन गुंडों ने हमला किया।
श्रीनारायण गुरू की जयंती पर हुए जिहादी उपद्रव के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद अभी तक एक आरोपी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। नारायण गुरू के भक्तों ने एसडीपीआई के हमले के प्रति अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्हें गुस्सा है कि पुलिस इस मामले में हाथ पर हाथ धरे बैठी है। लेकिन इसमें आश्चर्य भी नहीं है, क्योंकि प्रदेश की कम्युनिस्ट सरकार के राज में जिहादी तत्वों को मनमानी करने की कथित छूट प्राप्त है। हिन्दुओं का दर्द यहां वैसे भी नहीं देखा जाता। ‘ईश्वर की धरती’ पर कम्युनिस्ट-जिहादी हिंसक गठजोड़ हावी है।
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