देहरादून। उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ चयन आयोग की परीक्षा घोटाले में जांच एजेंसियों की गतिविधियां और तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य आरोपियों के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू हो गई है।
भर्ती घोटाले में अभी तक 37 लोगों को जेल भेजा जा चुका है, जिनमें से 21 के खिलाफ गैंगस्टर लग गया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर अब इनकी विजिलेंस जांच शुरू हो गई है। चयन आयोग के तत्कालीन सचिव, परीक्षा नियंत्रक, तीन अनुभाग अधिकारी, परीक्षा आयोजित करने वाली फर्म, आरोपी हकीम सिंह, मुख्य आरोपी सैयद मूसा के खिलाफ विजिलेंस जांच होगी। गौरतलब है कि जिस कंपनी ने परीक्षा करवाई उसके साथ अनुबंध 2019 में खत्म हो गया था।
जानकारी के मुताबिक ईडी ने भी इन आरोपियों की जांच रिपोर्ट मांगी है। एसटीएफ जो अभी तक इस मामले में जांच और गिरफ्तारियां कर रही है, अब तकनीकी सबूत जुटा रही है। सूत्रों के मुताबिक अब जांच एजेंसी की रिपोर्ट के बाद आरोपियों की संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी की जा रही है। नौकरियां बेच कर पैसा कमा कर संपत्तियां बनाने वालों की प्रॉपर्टी को गैंगस्टर एक्ट में कुर्क करने का प्रावधान है। यूपी पुलिस भी इसी कानून का सहारा लेकर अभियुक्तों की संपत्ति को कुर्क करती रही है। विजिलेंस और एसटीएफ, आयकर, ईडी, राजस्व विभाग को भी अब भर्ती घोटाले की जांच में जोड़ा गया है।
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