किसानों की बेहतरी और उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। लोकभवन में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में तैयार उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए सरकार अगले पांच वर्षों के लिए 192 करोड़, 57 लाख, 75 हजार रुपये की धनराशि खर्च करेगी। जिन रसायनिक एवं जैविक कीट रसायनों की जरूरत होगी उनको किसानों को कृषि रक्षा इकाई से अनुदान पर दिया जाएगा।
किसानों को फसलों में हर वर्ष लगने वाले खरपतवार, फसली रोग, कीट रोग, क्षति भंडारण, चूहों समेत अन्य वजहों से भारी नुकसान होता है। कैबिनेट में किसानों के इसी नुकसान को कम करने के लिए अगले पांच वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक 192 करोड़, 57 लाख, 75 हजार रुपये योजना के तहत मंजूर किए गए हैं। किसानों को योजना का लाभ देने के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष में 34 करोड़, 17 लाख रुपये व्यय किए जाएंगे। मालूम हो कि हर वर्ष किसानों को खरपतवार की वजह से 15-20 प्रतिशत, फसली रोगों से 26 प्रतिशत, कीट रोगों से 20 प्रतिशत, भंडारण की उचित व्यवस्था न होने से 7 प्रतिशत, चूहों से 6 प्रतिशत और अन्य कारणों से 8 प्रतिशत फसल खराब हो जाती है।
इसी नुकसान को कम करने के लिए सरकार ने कैबिनेट में यह निर्णय लिया है। इससे जहां किसानों की आय बढ़ेगी वहीं उनका अनाज लंबे समय तक सुरक्षित रह सकेगा। इसके अलावा कैबिनेट में किसानों को अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए 2 क्विंटल से लेकर 5 क्विंटल तक भंडारण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान देने का फैसला लिया गया है।
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