दुमका में एक बार फिर से जनजाति समाज की एक नाबालिग युवती जिहादियों के हाथों मारी गई। उस युवती के साथ अरमान अंसारी ने दुष्कर्म किया और जब वह गर्भवती हो गई तो तालिबान की तरह मार कर पेड़ से लटका दिया।
झारखंड में रोज एक बलात्कार, हत्या और अन्य जघन्य घटनाएं यह बताने के लिए काफी हैं कि यहां अब कानून- व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रही। इसमें भी अगर मामला जिहादियों से जुड़ा हो तो प्रसाशन सिर्फ लापरवाही ही नहीं दिखाता है, बल्कि उन जिहादियों को बचाने की भी कोशिश करता है। अभी हाल में ही दुमका में हिंदू युवती अंकिता को शाहरुख और नईम ने जलाकर मारा था। इस घटना में स्थानीय डीएसपी नूर मुस्तफा पर जिहादियों को बचाने का आरोप लगा है।
अब एक बार फिर से लव जिहाद का मामला इसी दुमका के श्रीअमड़ा से आया है। यहां जनजाति समाज की एक नाबालिग लड़की का शव एक पेड़ से लटकता पाया गया है। इस घटना को अरमान अंसारी ने अंजाम दिया है। पता चला है कि अरमान अंसारी उस युवती के साथ काफी समय से दुष्कर्म कर रहा था। जब वह युवती गर्भवती हो गई तो उसने अरमान पर विवाह का दबाव बनाया। इसी बात पर अरमान ने उसे जान से मार दिया और उसके शव को एक पेड़ से लटका दिया।
हालांकि अरमान को दुमका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस घटना में भी पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि यह घटना 2 सितंबर की है। श्रीअमड़ा में किसी ने इस युवती के शव को एक पेड़ से लटका पाया और उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने वहां पहुंच कर उसे उतारा और बिना परिजनों की जानकारी के शव का पोस्टमार्टम करवा दिया। दुमका की पूर्व विधायक लुइस मरांडी ने कहा है कि बिना परिजनों की जानकारी के चुपके से युवती का पोस्टमार्टम करना प्रशासन की नीयत पर सवाल खड़ा करता है। वहीं पुलिस की ओर से इस मामले को भी आत्महत्या का मामला बताने का प्रयास किया जा रहा है।
मृतक की माँ के अनुसार, ‘‘मेरी बेटी अरमान अंसारी के साथ ही दिहाड़ी का काम करती थी। उस पर अरमान की गंदी नजर रहती थी। न जाने कब उसने उसे अपने झांसे में ले लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। अरमान ने ही उसे गर्भवती बनाया और अब उसकी हत्या कर उसे पेड़ से लटका दिया।’’
इस पर लुइस मरांडी का कहना है, ‘‘हेमंत सोरेन की सरकार हमेशा जनजातियों की सरकार होने का दावा करती है, लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में सबसे अधिक जनजाति समाज के लोग ही मारे जा रहे हैं। अब तो आलम यह है कि इस सरकार में जनजाति समाज तो सुरक्षित नहीं ही है, बल्कि गैर-जनजाति समाज की बेटियां भी असुरक्षित हो चुकी हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि झारऽंड में महिला होना ही अपराध हो गया है।’’
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने पीड़ित परिवार से मिलकर ढांढस बंधाया है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा है कि आखिर कितनी युवतियों की जान जाने के बाद आप नींद से जागियेगा?
दुर्भाग्य से जो लोग झारखंड की बेटियों के लिए आवाज उठा रहे हैं, उनके विरुद्ध मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले अंकिता के परिवार वालों से मिलने के लिए दुमका आए भाजपा सांसद मनोज तिवारी, निशिकांत दुबे, उनके दो बेटों और देवघर हवाई अड्डे के निदेशक सहित कुल नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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