पालतू पशु खासकर गायों में फैल रहे लंपी वायरस की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश में 17 लाख 50 हजार से अधिक टीके उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं, बायो फेंसिंग के लिए रिंग वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी गई है। प्रदेश के 7 मंडलों में सीनियर नोडल अधिकारियों को तैनात किया जाएगा। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को मंडलों में भ्रमण करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद ये अधिकारी 4 सितंबर तक मुख्यमंत्री को पूरी रिपोर्ट सौपेंगे।
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में लंपी वायरस से बचाने के लिए पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने जिस तरह से कोविड काल में कोविड कमांड सेंटर बनाया था, कुछ उसी तर्ज पर लंपी वायरस से बचाव के लिए कई जिलों में कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। ये कंट्रोल रूम लगातार 24 घंटे काम करेंगे। लंपी वायरस की मॉनिटरिंग की जा रही है। कंट्रोल रूम में वायरस के प्रभाव और संक्रमण के प्रसार पर नजर रखी जा रही है।
लंपी वायरस संक्रमण की सबसे ज्यादा शिकार गायें हो रही हैं। भैंसो में इसका संक्रमण न के बराबर है। इस वायरस से संक्रमित पशुओं के नाक और मुंह से पानी व लार गिरने लगती है। तेज बुखार होता है और ऐसे जानवर भोजन छोड़ देते है। ऐसे पशुओं की चमड़ी के नीचे पहले छोटे-छोटे दाने निकलना शुरू हो जाते हैं। यह दाने घाव में बदल जाते हैं। यह अधिकतर मवेशियों के मुंह और गर्दन के पास पाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी रोकथाम और उपचार को लेकर दिशा निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं। पशुओं के मेले पर रोक समेत कई उपाय किये गये हैं।
टिप्पणियाँ