मेरठ: बहुत से लोग अपने परिवार के बीच में बैठकर मान मर्यादा को भूलकर अपशब्दों का प्रयोग करने से नहीं हिचकते हैं। वह हर बात पर गाली गलौज करने से बिल्कुल गुरेज नहीं करते हैं। ऐसे लोगों की आदतों को सुधारने के लिए सुनील जागलान ने एक मुहिम शुरू की है। जिसके लिए वह घर-घर जाकर पोस्टर लगा रहे हैं।
सुनील जागलान मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। जो सोशल मीडिया के जरिए ऐसे परिवारों की तलाश कर रहे हैं। जहां बड़ो और छोटों के बीच कोई मानमर्यादा का सरोकार नहीं है। जो एक साथ बैठते तो जरूर हैं, लेकिन ना बड़ा छोटे का लिहाज करता है, और ना छोटा बड़े का लिहाज करता है। और दोनों आपस में अपशब्दों (गाली-गलौज) का बेझिझक प्रयोग करते हैं। ऐसे लोग अपने घरों में महिलाओ के आगे भी अपशब्दों का प्रयोग करने नहीं गुरेज करते हैं।
ऐसे लोगों को लेकर सुनील जागलान का मानना है, कि बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हे बोलते समय ये पता ही नहीं चलता कि वो अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, मां-बहनों को अपमानित कर रहे हैं। बहुत से लोग आवेश में आकर अपशब्द बोल देते हैं। जिसको लेकर सुनील जागलान ने कहा कि ऐसी फितरत को रोकने के लिए इन लोगों में मनोवैज्ञानिक सुधार की जरूरत होती है।
उन्होंने बताया कि अपनी एक फाउंडेशन के जरिए वह ऐसे घरों में एक पोस्टर लगाते हैं, जहां अपशब्द कहने पर वहां की महिलाएं उसकी संख्या पोस्टर में दर्ज करती है। और यदि पुरुष इसे रोज देखेंगे तो एक ना एक दिन शर्मिंदा जरूर होंगे।
जागलान ने बताया कि उन्होंने मेरठ के आसपास करीब दो सौ घरों का चयन करके पोस्टर लगाएं हैं।
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