कांग्रेस पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व कमजोर होने के चलते पंजाब कांग्रेस में घमासान बढ़ता दिख रहा है। यहां के कई नेता आपस में गुत्थम गुत्थी होते दिख रहे हैं। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अमरिन्दर सिंह राजा वडिंग के खिलाफ बोलने पर पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के चेयरमैन खैहरा को नोटिस भेजा है।
खैहरा ने प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को लुधियाना धरना हटाने की सलाह दी थी। यह धरना कथित निविदा घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू के समर्थन में था। पार्टी इंचार्ज ने सीधे वडिंग या पार्टी फोरम के बजाय सोशल मीडिया पर बात करने की वजह से खैहरा से जवाब मांगा है। इससे पहले वडिंग ने भी खैहरा को कहा कि बिना मांगे सलाह नहीं देनी चाहिए। इससे कद्र घट जाती है। इस पर खैहरा ने पलटवार किया कि नेताओं को सबसे छोटे वर्कर की सलाह भी दरकिनार नहीं करनी चाहिए।
खैहरा के बहाने अबोहर से कांग्रेस विधायक संदीप जाखड़ ने भी मोर्चा खोल दिया। जाखड़ ने राजा वडिंग को अहंकारी बताया। उन्होंने कहा कि सुखपाल खैहरा जैसे सीनियर नेता को सार्वजनिक तौर पर झिड़कना प्रधान का अहंकार बताता है। ऐसे इज्जत नहीं मिलेगी। यहां बता दें कि राजा वडिंग विधायक जाखड़ की कांग्रेस के प्रति निष्ठा पर सवाल उठा चुके हैं क्योंकि उनके चाचा चौधरी सुनील कुमार जाखड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
इधर पटियाला से कांग्रेस सांसद परनीत कौर के खिलाफ कांग्रेस विधायक दल नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मोर्चा खोल दिया है। बाजवा ने कहा कि मेरी दिल्ली के नेताओं से बात हो चुकी है। परनीत अब कांग्रेस में नहीं हैं। उन्हें आगे टिकट भी नहीं मिलेगी। परनीत जल्द भाजपा में शामिल हो जाएंगीं। परनीत कौर कैप्टन अमरिन्दर सिंह की धर्मपत्नी हैं जो कांग्रेस छोड़ कर अपनी पार्टी बना चुके हैं। इसी तरह देखने में आ रहा है कि कांग्रेस का यादवी संघर्ष फिर से जोर मारने लगा है।
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