चीनी कंपनियां हैं जासूस, अब ब्रिटेन की गुप्तचर एजेंसी एमआई 5 ने भी किया खुलासा
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

चीनी कंपनियां हैं जासूस, अब ब्रिटेन की गुप्तचर एजेंसी एमआई 5 ने भी किया खुलासा

एमआई 5 ने भी चीनी कंपनियों के माध्यम से चीन की कम्युनिस्ट सरकार के जासूसी के संजाल का खुलासा ही नहीं किया है बल्कि अपनी सरकार के लिए एक चेतावनी भी जारी की है

by WEB DESK
Aug 29, 2022, 02:45 pm IST
in विश्व
representational image

representational image

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

 

चीन की कंपनियां दुनियाभर के देशों में खुलती जा रही हैं, लेकिन इसके साथ ही ‘जासूस की औजार’ के नाते उनकी बदनामी भी बढ़ती जा रही है। अमेरिका और यूरोप में तो बहुत पहले से इस तरफ सावधानी बरती जाने लगी थी, क्योंकि अमेरिकी गुप्तचर संस्था एफबीआई ने सालों पहले बता दिया था कि हुवावेई जैसी चीनी कंपनियां दूसरे देशों विशेषकर अमेरिका और यूरोपीय देशों में जासूसी करती हैं। अमेरिका ने हुवावेई पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं जिससे चीन की नाराजगी भी बढ़ी है।

लेकिन अब ताजा मामला ब्रिटेन से सामने आया है, जहां गुप्तचर संस्था एमआई 5 ने भी अब घोषित किया है कि चीनी कंपनियां भरोसे के लायक नहीं हैं। इनका एकमात्र उद्देश्‍य उस देश की तकनीकें चुराना होता है।

यही वजह है कि अमेरिका, यूरोपीय संघ के साथ ही यूके ने भी चीनी कंपनियों का बहिष्‍कार करते हुए उन्हें अपने-अपने यहां प्रतिबंधित करना शुरू कर दिया है। ठीक अमेरिकी गुप्चर संस्था एफबीआई की तरह ब्रिटेन की गुप्तचर संस्था एमआई 5 ने भी चीनी कंपनियों के माध्यम से चीन की कम्युनिस्ट सरकार के जासूसी के संजाल का खुलासा ही नहीं किया है बल्कि अपनी सरकार के लिए एक चेतावनी भी जारी की है। इस संबंध में एशियन लाइट इंटरनेशनल का कहना है कि गुप्तचर एजेंसियों का स्पष्‍ट मानना है कि चीन की सरकार अपनी कंपनियों के साथ ऐसा तालमेल बैठाए हुए है कि उनसे महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर रही है।

अमेरिकी गुप्तचर संस्था एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर ने तो पश्‍चिमी देशों को सावधान करते हुए खुलकर कहा भी था कि चीनी कंपनियां आपकी तकनीकें चोरी कर ले जाएंगी। वे तकनीकें जो आपके उद्योगों को नई राह पर ले जा रही हैं। आपकी ही तकनीकों की मदद से वे आपके तमाम उद्योग चौपट कर देंगी। आपके ही बाजार में दाखिल होकर अपना दबदबा बनाएंगी।

लेकिन उनकी वह चेतावनी बेकार नहीं गई। अमेरिका ही नहीं, यूरोपीय संघ और यूके ने चीनी कंपनियों की मुश्‍कें कसनी शुरू कर दी हैं। पश्चिमी देशों की गुप्तचर एजेंसियों को चीनी कंपनियों का खतरा बहुत ‘वास्तविक’ लगता है, उनके हिसाब से इस पर फौरन ध्यान देने की जरूरत है। इसमें देर करना पूरा खाका बिगाड़ के रख सकता है।

अमेरिका के ‘फेडरल कम्युनिकेषन कमीशन’ ने गत वर्श मार्च में पांच बड़ी चीनी कंपनियों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए प्रतिबंध में जकड़ दिया था। उसने 2019 में बने कानून के तहत ये कार्रवाई की थी। अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित चीनी कंपनियों में प्रमुख रूप से शामिल हैं-हुआवे टेक्नोलॉजी, जेडटीई कॉर्प, हाईटेरा कम्युनिकेशन कॉर्प, हांग्जो हाईकीविजन डिजिटल टेक, और झिंजियांग देहुआ टेक।

दरअसल गुप्तचर संस्थाओं ने तो यहां तक खोज निकाला है कि कौन सी कंपनियों के उपकरण तथा सेवाएं अमेरिका की सुरक्षा और नागरिकों को खतरे में डाल रही हैं। 2018 में अमेरिका ने एक डिफेंस ऑथराइजेशन कानून बनाया था। तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हुआवे सहित कई चीनी कंपनियों को कारोबार की काली सूची में डलवाया था। तब रिपब्लिकन सांसदों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि हुआवे क्लाउड सर्विसेस 40 देशों में मौजूद है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी इस कंपनी के जरिए जासूसी कर रही है। उधर फ्रांस और इटली ने तो हुआवे को प्रत्यक्ष तौर पर प्रतिबंधित तो नहीं किया है, लेकिन उसके बनाए उपकरणों के प्रयोग पर रोक जरूर लगाई है।

 

Topics: americacompaniesspyingeuhuaweitechnologyChinatheftbritain
Share24TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Pema Khandu Arunachal Pradesh Tibet

पेमा खांडू का चीन को करारा जवाब: अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग, तिब्बत से सटी है सीमा

Operation Sindoor: बेनकाब हुआ चीन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ऐसे कर रहा था अपने दोस्त पाक की मदद

जनरल असीम मुनीर

जिन्ना के देश ने कारगिल में मरे अपने जिस जवान की लाश तक न ली, अब ‘मुल्ला’ मुनीर उसे बता रहा ‘वतनपरस्त’

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में नहीं गए

BRICS से गायब शी जिनपिंग, बीजिंग में राष्ट्रपति Xi Jinping के उत्तराधिकारी की खोज तेज, अटकलों का बाजार गर्म

UK Grooming Gang

ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स: पीड़िताओं की आवाज दबाने के लिए विवादास्पद प्रदर्शन

DU के सिलेबस में बदलाव

DU के सिलेबस में बदलाव: अब पढ़ाया जाएगा सिखों की शहादत, हटाए गए इस्लाम-चीन-पाक चैप्टर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

रात में भूलकर भी न खाएं ये 5 चीजें, हो सकती हैं गंभीर बीमारियां

Earthqake in Delhi-NCR

दिल्ली-एनसीआर में 4.4 तीव्रता का भूकंप, झज्जर रहा केंद्र; कोई हताहत नहीं

आरोपी मौलाना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर

बलरामपुर: धर्म की भूमि पर जिहादी मंसूबों की हार

kanwar yatra delhi

कांवड़ यात्रा 2025: मीट-मछली की दुकानें बंद, आर्थिक मदद भी, दिल्ली में UP वाला एक्शन

Punjab Khalistan police

पंजाब: पूर्व सैनिक गुरप्रीत सिंह गिरफ्तार, ISI को दे रहा था भारतीय सेना की खुफिया जानकारी

Pema Khandu Arunachal Pradesh Tibet

पेमा खांडू का चीन को करारा जवाब: अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग, तिब्बत से सटी है सीमा

Guru Purnima

Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा पर इन संस्कृत श्लोकों के साथ करें अपने गुरु का आभार व्यक्त

Kolhapuri Slippers Dispute

कोल्हापुरी चप्पल विवाद: चोरी की ये कहानी है पुरानी

प्रतीकात्मक तस्वीर

फ्री इलाज के लिए बनवाएं आयुष्मान कार्ड, जानें जरूरी डाक्यूमेंट्स और पूरा प्रोसेस

Tarrif War and restrictive globlization

प्रतिबंधात्मक वैश्वीकरण, एक वास्तविकता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies