एक तरफ कांग्रेस में अध्यक्ष को लेकर उठापटक मची हुई है तो दूसरी तरफ एक के बाद एक पुराने नेता उसका साथ छोड़ते जा रहे हैं. अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेजा है. खबरों की मानें तो वह काफी लंबे समय से पार्टी की नीतियों को लेकर नाराज चल रहे थे. कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे पांच पृष्ठ के त्यागपत्र में आजाद ने कहा कि वह भारी मन से यह कदम उठा रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकाली जानी चाहिए थी। पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव संपन्न नहीं हुए. कांग्रेस लड़ने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है. उन्होंने पत्र में लिखा कि एआईसीसी के चुने हुए पदाधिकारियों को एआईसीसी का संचालन करने वाले छोटे समूह द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया. पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर धोखे के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है. कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए है, जहां से वापस नहीं आया जा सकता. पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया, नीचा दिखाया गया.
आधा सदी पुराना नाता तोड़ लिया
आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र में लिखा कि बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी लिखा कि राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद पुरानी कांग्रेस को खत्म कर दिया गया, जिसके कारण धीरे-धीरे पार्टी के जमीनी नेता दूर हो गए. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी को सलाह दी है कि इस समय कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा से ज्यादा कांग्रेस जोड़ो यात्रा की आवश्यकता है.
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