पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों कड़ी कानूनी धाराओं में फंसे हुए हैं। उन पर आतंकरोधी कानून के तहत केस दर्ज हो चुके हैं। मीडिया में कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्दी ही पूर्व प्रधानमंत्री जेल में होंगे। जबकि इमरान ने जमानत की अपनी अर्जी में सरकार पर भी आरोप मढ़े हैं कि वह उन्हें फर्जी मामलों में गिरफ्तार करवाने के लिए हदें पार कर रही है। पता चला है कि शरीफ सरकार उनके विरुद्ध अब तक 17 केस दायर करवा चुकी है।
उन पर ताजा आरोप गत शनिवार को उस रैली में दिए उनके भाषण के बाद लगाया गया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री पर 20 अगस्त 2022 को संपन्न एक रैली के दौरान एक महिला जज और बड़े पुलिस अफसरों को धमकाने का आरोप लगा है। पुलिस ने उनके विरुद्ध आतंकरोधी कानून की धारा-7 के तहत मामला दायर किया है। इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए इमरान ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अपील की है, जबकि उनके समर्थकों ने उनके समर्थन में धरना देने की घोषणा की है।
पाकिस्तान के मीडिया में आई कई खबरें बताती हैं कि जमानत की अपनी अपील में इमरान खान ने कहा है कि सत्ताधारी दल उनकी निडर आलोचना, भ्रष्टाचार तथा भ्रष्ट राजनेताओं के विरुद्ध आवाज उठाने की वजह से उन पर निशाना साध रहा है। इसी दुर्भावना के चलते उनके विरुद्ध झूठी शिकायत दर्ज कराई गई है।
अपनी अपील में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया है कि सरकार ने उन्हें फर्जी केस में गिरफ्तार करवाने के लिए सारी हदें पार कर दी हैं। इमरान की अपील के अनुसार, उन पर सरकार ने अब तक 17 एफआईआर दायर करवा दी हैं। इनमें उन्हें गलत इरादे से फर्जी तौर पर उलझाया गया है।
अपनी अर्जी में इमरान ने जमानत दिए जाने की गुहार करते हुए कहा है कि वे गवाहों और सबूतों को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। उन्होंने यह भी दावा किया है कि उनका नाम अभी तक किसी अपराध में शामिल नहीं रहा है। इस मामले जहां जरूरी होगा वे उसमें पूरा सहयोग देंगे।
उल्लेखनीय है कि इमरान खान के विरुद्ध एफआईआर इस्लामाबाद के मरगल्ला थाने में दर्ज की गई हैं। इसमें लिखा गया है कि इमरान ने इस्लामाबाद के आईजी, डीआईजी को धमकाया है और कहा है कि ‘हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे।’ इतना ही नहीं, शिकायत में दर्ज है कि उन्होंने एक महिला जज जेबा चौधरी को भी गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी थी।
इन्हीं बयानों के आधार पर एफआईआर में कहा गया है कि इमरान ने पुलिस को डराने की कोशिश की है। इस वजह से उनके विरुद्ध आतंकरोधी कानून के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। लेकिन अब पीटीआई के कई नेताओं के इमरान के समर्थन में उतर आने से पूरा प्रकरण गंभीर मोड़ पर आ पहुंचा है। पीटीआई के नेता दर्ज शिकायतों के विरुद्ध हड़ताल की घोषणा कर चुके हैं। ट्विटर पर उन्होंने ट्रेंड चलाया हुआ है-‘कहा जा रहा है कि’। वे लिखते हैं-कहा जा रहा है कि यदि इमरान खान को गिरफ्तार किया गया तो ये हद पार करना होगा। वे सत्ताधारी दल को कुर्सी से हटाकर इस्लामाबाद को कब्जे में ले लेंगे। पुलिस को भी चेतावनी भरे लहजे में सियासी मामलों से दूर रहने को कहा गया है।
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