ज्ञानवापी-माता श्रृंगार गौरी प्रकरण की सुनवाई सोमवार को जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की न्यायालय में हुई। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से वादिनी महिलाओं की दलीलों पर जवाबी बहस की गई। मुस्लिम पक्ष के वकील शमीम अहमद ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ की संपत्ति है। औरंगजेब देश का बादशाह था। ज्ञानवापी, वक्फ संपत्ति के तौर उसी समय से दर्ज है। इसको लेकर कुछ साक्ष्य भी न्यायालय में मुस्लिम पक्ष की ओर से दिया गया है और यह कहा गया कि इस वजह से वक्फ की संपत्ति का मामला सिविल कोर्ट नहीं सुन सकती। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट है, हिन्दू – मुस्लिम के बीच का विवाद वक्फ बोर्ड नहीं जा सकता है। हम लोगों ने पिछली बहस में दलील दिया था।
वहीं मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभय यादव की मृत्यु के बाद उनकी जगह नियुक्त दो अधिवक्ताओं में से योगेंद्र प्रसाद सिंह सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहे। जिसको लेकर काफी चर्चा रही। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन ने कहा योगेंद्र सिंह के परिजनों का काफी दबाव उन पर है। बाबा विश्वनाथ के खिलाफ जाकर वो केस न लड़े। उनके परिजनों और रिश्तेदारों ने सलाह दिया है कि बाबा के विरुद्ध मुकदमा लड़ना उचित नहीं रहेगा। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभय यादव ही अंजुमन इंतजामिया की ओर से ज्ञानवापी केस पर बहस कर रहे थे। कुछ दिनों पहले अचानक हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गयी थी।
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि मुस्लिम पक्ष वक्फ की संपत्ति होने का दावा कर रहा है। अयोध्या प्रकरण समेत कई मामले देश मे थे। सच्चाई सभी के सामने है। सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में अनुसार ये मामला वक्फ बोर्ड के पास जा ही नहीं सकता। बता दें कि राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के दर्शन पूजन की अनुमति मांगी है। जिस पर अंजुमन की आपत्ति पर वाद सुनवाई योग्य है या नहीं, इसी मुद्दे पर जिला जज की अदालत सुनवाई कर रही है।कल भी सुनवाई जारी रहेगी।
टिप्पणियाँ