शिमला में देश की महिला आईपीएस और अन्य महिला पुलिस अधिकारियों के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन में एक साथ कई विषयों पर चिंतन हुआ। जिसमें महिला अधिकारियों ने वर्दी को बदलने की मांग को प्रमुखता से उठाया।
सम्मेलन में मध्य प्रदेश कैडर की आईपीएस सतवंत अटवाल ने कहा कि अंग्रेजी शासन काल से चली आ रही महिला पुलिसकर्मियों की वर्दी भारतीय पहनावे के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि गर्भवस्था और महावारी के दौरान ये पैंट शर्ट की वर्दी असहजता पैदा करती है। पुरुष अधिकारियों को अपना शरीर वर्दी में दिखाना होता है और हमें छिपाना होता है। इसे बदले जाने की जरूरत है।
आईपीएस सतवंत अटवाल ने यह भी कहा कि महिला अधिकारियों और कर्मियों को हल्के और छोटे हथियार दिए जाने चाहिए। पुलिस सम्मेलन में थानों में पुलिस कर्मियों के द्वारा गाली गलौच करने और बराबर अनुपात में महिलाओं के लिए बजट जारी करने पर भी विचार आए। थाने-चौकियों में शौचालय की गंदगी और पीने के साफ पानी की व्यवस्था पर भी विचार विमर्श हुआ।
सम्मेलन अभी दो दिन चलेगा। माना जा रहा है कि इसमें समापन सत्र में गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हो सकते हैं। ये सम्मेलन हर दो साल में आयोजित किया जाता है और इसमें देश के राज्यों की पुलिस के अलावा, बीएसएफ,आईटीबीपी और अन्य पैरा मिलिट्री फोर्स की महिलाओं को भी शामिल किया जाता है और उन्हे अपनी बात कहने का मौका दिया जाता है। जिसकी संस्तुति के बाद, गृह मंत्रालय राज्यों को दिशा-निर्देश जारी करता है।
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