भगवान श्रीकृष्ण ने आज से पांच हजार साल पहले इस धराधाम पर अवतरित हो कर विश्व मानव को निष्काम कर्म की प्रेरणा दी। उन्होंने गीता में मानव को कर्तव्य निर्वाह के लिए एक मंत्र दिया। इस मंत्र को अंगीकार करके मानव का उद्धार हो सकता हैं। वह एक विश्व के सामने मॉडल प्रस्तुत कर सकता हैं। यह विचार उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शुक्रवार को जन्माष्टमी पर उ.प्र. पुलिस रिजर्व पुलिस लाइन्स में आयोजित श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
इससे पहले उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया। उ.प्र पुलिस महानिदेश डीएस चौहान ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक. पूर्व उपमुख्य मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, उ.प्र. के मुख्य सचिस डीएस मिश्र, सांसद ब्रजलाल, अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी, मंत्री जितिन प्रसाद, संदीप सिंह सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित हुए।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि स्वयं भी मथुरा-वृंदावन से होकर आ रहे है। यह जन्मोत्सव देश अमृतकाल में महात्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने अमृत काल में प्रधानमंत्री के पंच प्राणों के संकल्प को बताते हुए कहा इसमें देश का एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। गुलामी का कोई चिन्ह न रह जाए जो हमको कचोटता हो। प्रधानमंत्री ने महत्वपूर्ण बात कहीं कि हर कोई अपने कर्तव्य का पालन करने लग जाए तो अमृतकाल की समाप्ति पर देश एक महाशक्ति के रूप स्थापित हो सकता है । इसकी सबसे प्रेरक भगवान श्रीकृष्ण है, जिनका हम जन्मोत्सव बना रहे है। उन्होंने कहा कि सबको प्रधानमंत्री के संकल्प के साथ जुड़कर एक साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि यह ऐसा त्योहार है जिसको पुलिस जन सामूहिक रूप मनाते हैं। कार्यक्रम का संचालन पुलिस कर्मी व प्रसिद्ध गायक विजय अग्निहोत्री ने किया।
इस अवसर सांस्कृति कार्यक्रम भी हुए। कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना से हुई। छोटी बच्ची उन्नति गिरी वंदना पर नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। इसके बाद मथुरा से पधारे कलाकारों ने कृष्ण की महिमा में लोक नृत्य प्रस्तुत किया। इसके अलावा अन्य बहुत से कार्यक्रम भी हुए। यहां स्थापित मदिर में भगवान श्रीकृष्ण की झांकी भी सजाई गई।
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