प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट कर्णप्रयाग-ऋषिकेश रेल लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। प्रोजेक्ट के तहत 50 किलोमीटर लंबी सुरंग बना दी गई है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण में लगे रेल विकास निगम ने 50 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाकर तैयार कर दी है। कुल 125 किलोमीटर लंबे ट्रैक में 105 किलोमीटर हिस्सा सुरंगों के अंदर होगा। रेल विकास निगम चार दिन में करीब एक किलोमीटर सुरंग का निर्माण पूरा करती है। इस प्रोजेक्ट में भूमि के भीतर ही रेलवे स्टेशन बनाए जाने की योजना है।
रेल मंत्रालय इस प्रोजेक्ट को प्रदूषण रहित बनाने के लिए काम कर रहा है। संपूर्ण प्रोजेक्ट विद्युत पर आधारित होगा। इसके पीछे केंद्र सरकार का मकसद हिमालय क्षेत्र में वाहनों के धुएं के प्रदूषण को कम करना भी है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड बनने से पहले हिमालय चार धाम सड़क पर केवल पांच हजार वाहनों का धुआं होता था, जो अब बढ़कर चालीस हजार तक पहुंच गया है, जिसकी वजह से हिमालय क्षेत्र में कार्बन की मात्रा बढ़ रही थी। ऑल वेदर रोड बनने से भी प्रदूषण कम करने और यहां इलेक्ट्रॉनिक वाहन चलाए जाने की योजना है।
माना जा रहा है कि 2024 तक रेल कर्णप्रयाग तक पहुंच जाएगी। उसके बाद अगले चरण में इसे बदरीनाथ तक पहुंचाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी इस प्रोजेक्ट की खुद हर तीसरे महीने समीक्षा करते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी हर दूसरे माह परियोजना की कार्य प्रगति देखते रहे हैं।
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