अब यह बात सामने आने लगी है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्यों भाजपा से नाता तोड़कर उस पार्टी के साथ हाथ मिलाया, जिसे खुद नीतीश ही ‘जंगलराज’ की प्रतीक कहते थे। वह पार्टी है राष्ट्रीय जनता दल (राजद)। 2005 से पहले लगातार 15 वर्ष तक बिहार में राजद का ही राज था। इस दौरान राज्य में हत्या, बलात्कार, डकैती, अपहरण जैसी घटनाएं आम हो गई थीं। कहा जाता है कि राजद के संरक्षण में ही अपराधी ये सब काम करते थे।
2005 में यह जंगलराज तब खत्म हुआ, जब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भाजपा ने मिलकर राजद को हराया, लेकिन नीतीश कुमार अब ‘राजद’ के साथ सरकार बना चुके हैं। इसलिए बिहार में यह चर्चा है कि आखिर नीतीश ने ऐसा क्यों किया!
चर्चा के दौरान जो बातें सामने आ रही हैं, वे बहुत ही गंभीर हैं। तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर रहे डॉ- उमाशंकर कहते हैं, ‘‘भाजपा और जदयू को एक-दूसरे से दूर करने के लिए गहरा षड्यंत्र रचा गया और इसके पीछे वे तत्व हैं, जो बिहार में मजहबी कट्टरता को बढ़ावा देना चाहते हैं।’’
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही पटना के फुलवारीशरीफ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कुछ गुर्गों को पकड़ा गया है। ये लोग 2047 तक भारत को इस्लामी राज्य बनाने के लिए काम कर रहे थे। अब इसकी पड़ताल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। इस जांच से बिहार के अनेक अधिकारी और नेता बेनकाब हो सकते थे। इनमें अधिकतर राजद से जुड़े हैं। जांच की आंच ऐसे लोगों को भी तपाने वाली थी। इसलिए इस जांच का विरोध राजद ने खुलकर किया। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने स्पष्ट कहा, ‘‘एनआईए के जरिए केंद्र सरकार मुसलमानों को परेशान कर रही है।’’
माना जाता है कि राजद के इस बयान के बाद ही नीतीश कुमार पर भाजपा से नाता तोड़कर राजद से हाथ मिलाने का दबाव बनाया गया। नीतीश को भी लगा कि इससे बिहार के मुसलमान मतदाता उनसे खुश होंगे और उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया। बिहार, भाजपा के अध्यक्ष डॉ- संजय जायसवाल भी यही मानते हैं। उन्होंने कहा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े नेताओं और अधिकारियों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल के साथ हाथ मिलाया और नई सरकार का गठन किया। उन्होंने यह भी कहा है कि पीएफआई के संबंध बिहार के अनेक नेताओं, अधिकारियों और राजद के समर्थकों से उजागर होने लगे थे। सरकार बदल जाने से अब यह जांच प्रभावित हो सकती है।
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