भारत ने चीन के सामने कड़ी शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि आगे से ऐसा हुआ तो ठीक नहीं होगा। चीन की ऐसी सैन्य शरारतों को ध्यान में रखकर भारत की तरफ से अपनी मिसाइलें तैनात कर दी गई थीं।
लद्दाख में जारी सीमा तनाव के बीच कल एक भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण वार्ता सम्पन्न हुई है। इस द्विपक्षीय बातचीत में भारत और चीन के सैन्य कमांडर मौजूद थे। दो साल पहले हुई गलवान घटना के बाद से कई दौर की वार्ता में दोनों देश सीमा पर शांति और यथास्थिति बनाए रखने को लेकर कई दौर की बैठकें कर चुके हैं, लेकिन चीन की मंषा हालात को दुविधापूर्ण बनाए रखकर अपनी सैन्य शरारतों में तेजी लाने की ही रही है।
अब ताजा जानकारी मिली है कि विवादित अक्सााई चिन क्षेत्र में चीन के सैनिक भारत को टक्कर देने के लिए युद्धाभ्यास में लगे हुए हैं। कल लद्दाख में हुई द्विपक्षीय चर्चा में भारत ने चीन के सामने ऐसी खबरों पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए स्थिति को स्पष्ट करने की मांग की है।
धरातल पर चीन की हरकतें संदिग्ध ही रही हैं। पिछले दिनों भारतीय सैन्य अधिकारियों ने भी बयान दिया था कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन उकसावे वाली हरकतें कर रहा है। चीन वहां युद्धाभ्यास में लगा है। इतना ही नहीं, चीन ने भारतीय सेना की तैनाती वाले स्थान के एकदम पास से अपना एक विमान गुजारा था।
भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच अक्साई चिन से ऐसी खबर आना बेषक भारत के लिए चिंताजनक बात है। इसी को लेकर भारत ने सैन्य कमांडर की बैठक में इस मुद्दे पर चीन को घेरा है। इसके साथ ही कुछ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई। इनमें से एक था भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन। दूसरे, चर्चा में दोनों देशों ने अपने-अपने क्षेत्रों को स्पश्ट तौर पर चिन्हित करने पर भी बल दिया।
जैसा पहले बताया, अब तक दोनों देशों के बीच 16 दौर की सीमा वार्ताएं हो चुकी हैं। लेकिन चीन की तरफ से विवाद का कोई सकारात्मक हल निकालने की तरफ गंभीरता की हमेषा से कमी रही है। हालांकि चीनी नेता वैश्विक मंचों पर इसके ‘सकारात्मक दिषा में बढ़ने पर संतोष है’ जैसे बयान देकर विश्व बिरादरी को झांसे में रखने की कोशिश करते रहे हैं। लेकिन भारतीय कूटनीति ने भी हर मंच पर चीन की पोल खोलने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी है।
पिछले महीने 13 घंटे चली 16वें दौर की बैठक के बादद जारी संयुक्त वक्तव्य में लिखा गया था कि ‘यह बैठक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति तथा स्थिरता फिर से बहाल करने में कारगर साबित होगी। इतना ही नहीं इससे दोनों पक्षों के संबंध भी सुधरेंगे’।
लेकिन धरातल पर चीन की हरकतें संदिग्ध ही रही हैं। पिछले दिनों भारतीय सैन्य अधिकारियों ने भी बयान दिया था कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन उकसावे वाली हरकतें कर रहा है। चीन वहां युद्धाभ्यास में लगा है। इतना ही नहीं, चीन ने भारतीय सेना की तैनाती वाले स्थान के एकदम पास से अपना एक विमान गुजारा था।
भारतीय वायुसेना के हरकत में आने के फौरन बाद वह विमान वहां से तेजी से निकल गया। जून के आखिरी दिनों की इस घटना पर भी भारत ने चीन के सामने कड़ी शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि आगे से ऐसा हुआ तो ठीक नहीं होगा। चीन की ऐसी सैन्य शरारतों को ध्यान में रखकर भारत की तरफ से अपनी मिसाइलें तैनात कर दी गई थीं।
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