प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और मालदीव के बीच करीबी संपर्क और समन्वय पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। हिन्द महासागर क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद तथा मादक पदार्थों की तस्करी गंभीर खतरा है और इन सभी साझा चुनौतियों के खिलाफ भारत और मालदीव अपना सहयोग बढ़ा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत यात्रा पर आये मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह के साथ मंगलवार को द्विपक्षीय वार्ता में अपने वक्तव्य में पड़ोसी देश को विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए 10 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त लाइन ऑफ क्रेडिट की ऋण सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी परियोजनाएं समय-बद्ध तरीके से पूरी हो सकेंगी।
उन्होंने मालदीव की राजधानी माले में बृहत्तर माले संपर्क परियोजना की शुरुआत का स्वागत किया जो पड़ोसी देश का सबसे बड़ा आधारभूत ढांचा प्रोजेक्ट होगा। दोनों नेताओं ने बृहत्तर माले में 4 हजार आवास इकाइयों के निर्माण के प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की। भारत ने इसके अतिरिक्त 2 हजार आवास इकाइयों के निर्माण लिए भी आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया।
मोदी ने कहा कि मालदीव के सुरक्षा तंत्र में क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए भी भारत सहयोग करेगा। भारत मालदीव सुरक्षा बल के लिए 24 वाहन और एक जल नौकाएं प्रदान कर रहा है। साथ ही मालदीव के 61 द्वीपों में पुलिस सुविधाओं के निर्माण में भी सहयोग करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की वार्ता में हमने द्विपक्षीय सहयोग के सभी आयामों का आकलन किया और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। पिछले कुछ वर्षों में भारत और मालदीव के मित्रतापूर्ण संबंधों में नया जोश आया है और हमारी नजदीकियां बढ़ी हैं। आज भारत-मालदीव साझेदारी न सिर्फ दोनों देशों के नागरिकों के हित में काम कर रही है, बल्कि क्षेत्र के लिए भी शांति, स्थिरता और समृद्धि का स्रोत बन रही है। महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद हमारा सहयोग एक व्यापक भागीदारी का रूप लेता जा रहा है।
मोदी ने कहा, “मालदीव सरकार ने 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। मैं इस प्रतिबद्धता के लिए राष्ट्रपति सोलिह को बधाई देता हूं, और यह आश्वासन भी देता हूं कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भारत मालदीव को हर संभव सहयोग देगा। भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “एक विश्व, एक सूर्य, एक ग्रिड” की पहल की है, और इसके तहत हम मालदीव के साथ प्रभावी कदम ले सकते हैं।”
कार्यक्रम के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से एक विशेष प्रेसवार्ता आयोजित की गई। इसमें मालदीव में भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर और संयुक्त सचिव (आईओआर) कार्तिक पांडे सहित विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची मौजूद रहे।
प्रेसवार्ता में बाद भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर ने हाल ही में मालदीव में हुई भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में स्पष्ट किया कि यह कृत्य गलत सूचनाओं और दुष्प्रचार पर आधारित थे। इसमें मालदीव सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह उनके आधिकारिक पक्ष का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
दोनों देशों के बीच आज हुई वार्ता कई स्तरों पर परिणामकारी रही है। इस दौरान ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट का पहला कंक्रीट डाला गया। 50 करोड़ अमरीकी डालर की भारत की ओर से वित्त पोषित परियोजना में यह स्थायी कार्यों के प्रारंभ को चिह्नित करता है।
इस दौरान मालदीव में स्थानीय परिषदों और महिला विकास समिति के सदस्यों के क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, संभावित मछली पकड़ने के क्षेत्र का पूर्वानुमान, समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान में सहयोग, साइबर सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, पुलिस ढांचागत सुविधायों के विकास के लिए 4.1 करोड़ अमरीकी डालर की सहायता तथा हुलहुमले में निर्मित की जाने वाली अतिरिक्त 2 हजार सामाजिक आवास इकाइयों के लिए 11.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता संबंधित 6 समझौते हुए।
इस दौरान मालदीव में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 10 करोड़ अमरीकी डालर की ऋण विस्तार, गुलहिफाहलु पोर्ट 32.4 करोड़ डॉलर की निविदा प्रक्रिया की शुरुआत, मालदीव से भारत को शुल्क मुक्त टूना निर्यात की सुविधा, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल को पहले प्रदान किए गए जहाज-सीजीएस हुरवी-के लिए एक प्रतिस्थापन जहाज की आपूर्ति, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल को दूसरे लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (एलसीए) की आपूर्ति, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल को 24 उपयोगिता वाहन उपहार में देने से जुड़ी घोषणाएं की गई।
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