गोवा बार विवाद मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि स्मृति ईरानी और उनकी बेटी रेस्टोरेंट की मालिक नहीं है। उनके नाम पर कोई लाइसेंस जारी नहीं हुआ है और ना ही उन्होंने इसके लिए आवेदन किया। रेस्टोरेंट वाली जमीन भी उनकी नहीं है। कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं से सोशल मीडिया से इन आरोपों से सम्बंधित कंटेंट हटाने के आदेश दिए। हाईकोर्ट का विस्तृत आदेश अपलोड कर दिया गया है।
“कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा, नेट्टा डिसूजा के साथ अन्य ने भाजपा नेता स्मृति ईरानी और उनकी बेटी पर झूठे तीखे और आक्रामक व्यक्तिगत हमले करने की साजिश रची, जो न तो गोवा में रेस्टोरेंट की मालिक हैं और न ही उन्होंने कभी वहां भोजन और पेय पदार्थों के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, जैसा कि आरोप लगाया गया था”।
: दिल्ली हाईकोर्ट
जस्टिस मिनी पुष्करणा की बेंच ने चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे के भीतर ट्वीट नहीं हटाया गया तो सोशल मीडिया कंपनी अपनी ओर से ट्वीट हटाए। स्मृति ईरानी ने दिल्ली हाईकोर्ट में तीनों कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दीवानी मानहानि याचिका दायर करके दो करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है। ईरानी की याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं ने ईरानी की 18 वर्षीय बेटी जोइश ईरानी पर गोवा में अवैध रूप से बार चलाने का आरोप लगाया था। इन नेताओं ने ईरानी पर आरोप लगाते हुए हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग भी की थी।
ईरानी ने तीनों नेताओं को लीगल नोटिस भेजकर कहा था कि अगर कांग्रेस नेता बिना शर्त और स्पष्ट रूप से माफी नहीं मांगते हैं तथा अपने आरोप वापस नहीं लेते हैं, तो ईरानी उनके खिलाफ दीवानी और आपराधिक कार्यवाही शुरू करेंगी। ईरानी ने नोटिस में यह भी कहा था कि कांग्रेस नेताओं ने उनकी युवा बेटी पर हमला किया, जो विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष की छात्रा है।
नोटिस में कहा गया था कि जोइश ईरानी ने कभी भी कोई बार या कोई व्यावसायिक उद्यम ‘चलाने’ के लिए किसी लाइसेंस के वास्ते आवेदन नहीं किया है। इसमें कहा गया है कि उन्हें गोवा में आबकारी विभाग ने कोई कारण बताओ नोटिस नहीं भेजा है जैसा कि कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है।
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