दिल्ली में सिंघू बार्डर पर चले कथित किसान आन्दोलन के बाद पंजाब में किसान यूनियनों की धक्केशाही बढ़ रही है, जिसका उदाहरण है कि सीमावर्ती जिले फिरोजपुर की तहसील जीरा के गांव मंसूरवाला में किसानों ने एक सप्ताह से शराब फैक्ट्री को घेर रखा है और लगभग सौ के करीब मजदूरों को बन्धक बना रखा है। हालात यह हो चुके हैं कि फैक्ट्री की कैंटीन व रसोई में राशन लगभग समाप्त हो चुका है और उत्तर प्रदेश-बिहार से आए इन मजदूरों की जान खतरे में पड़ चुकी है। किसानों का आरोप है कि फैक्ट्री से इलाके का पानी दूषित हो रहा है और इसको बन्द किया जाए।
दूसरी ओर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जीरा के गांव मंसूरवाला की मैलब्रोज इंटरनेशनल फैक्ट्री के 300 मीटर दायरे में धरना प्रदर्शन पर रोक लगाई है। हाईकोर्ट के आदेश लेकर जीरा के डीएसपी पलविंदर संधू फैक्ट्री के बाहर बैठे प्रदर्शनकारियों को जानकारी देने पहुंचे, लेकिन किसान संगठन धरना हटाने को राजी नहीं हुए। क्रांतिकारी किसान यूनियन के महासचिव बलदेव सिंह ने विवादित बयान दिया। उन्होने कहा कि हाई कोर्ट को लगता है इलाके के लोगों को जीने का अधिकार नहीं है तो गोलियां चलवा दे।
एसएसीपी फिरोजपुर सुरिंदर लांबा ने कहा सभी को न्यायिक प्रणाली को मानना होगा। इसमें कोई मनमर्जी नहीं चलेगी। प्रदर्शनकारियों तक हाईकोर्ट के आदेश भेज दिए है। जल्द ही पुलिस धरना हटवाने के लिए कार्रवाई करेगी। हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी शनिवार को फैक्ट्री के बिगड़े हालातों को संभाला नहीं जा सका। ग्रामीण और किसान संगठनों ने फैक्ट्री से 5 किलोमीटर दूर स्थित गांव महियांवाला के गुरुद्वारा साहिब के लंगर हाल में पानी का बोर करते हुए गन्दा पानी निकलने का आरोप लगाया है। फैक्ट्री का गंदा पानी जमीन में गिराने के आरोप पर किसान संगठन और गांववासी पिछले रविवार से फैक्ट्री के बाहर धरने पर है। फैक्ट्री में बंद श्रमिकों को राशन ले जाने पर भी किसानों ने रोक लगाई हुई है। एसडीएम, डीएसपी जीरा और श्रमिक भी राशन न रोकने की अपील कर चुके है लेकिन किसान संगठन कोई राहत न देने की जिद पर अड़े है। शनिवार को धरने में पहले से अधिक प्रदर्शनकारी पहुंचे।
डीएसपी पलविंदर सिंह संधू ने प्रदर्शनकारियों को हाईकोर्ट के आदेश पढ़ कर सुनाए और उनको आदेशों की कापी भी दी। उन्होंने कहा धरना दूर लगा लें पुलिस को वे जो शिकायत करेंगे उस पर कार्रवाई होगी। तमाम आश्वासनों के बावजूद किसान संगठन हाईकोर्ट के आदेश मानने को तैयार नहीं। किसान नेताओं ने कहा धरना किसी भी हाल में दूसरी जगह नहीं जाएगा। उनकी मांग पूरी न होने तक संघर्ष जारी रहेगा।
फैक्ट्री के चीफ एडमिनस्ट्रेटर आफिसर पवन बांसल शनिवार को फिर अपील करते हुए कहा हाईकोर्ट के आदेशों को सम्मान देना चाहिए। वे हर तरह की जांच के लिए तैयार है। पानी और मिट्टी के सैंपल पहले ही जांच के लिए भेज दिए हैं। रिपोर्ट के बाद वे हर तरह से बात करने को तैयार है। प्रदर्शनकारी कम से कम गरीब श्रमिकों का राशन न रोके। मानवता के आधार पर ही उनको खाना पहुंचाने की राहत दे दी जाए। फैक्ट्री की कैंटीन और रसोई से राशन खत्म हो चुका है।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के महासचिव बलदेव सिंह ने हाईकोर्ट के फैसले पर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा अगर हाईकोर्ट को लगता है इलाके के लोंगो को जीने का अधिकार नहीं तो गोलियां चलवा दे, धरना तो इसी जगह पर चलेगा। किसान नेता के बयान से हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन हुआ है।
उधर मजदूरों के रिश्तेदारों गांव नारायणपुर जिला गोडा उत्तर प्रदेश के शिवांग त्रिपाठी, गांव तरूआ जिला रामपुर उत्तर प्रदेश के हरीओम, गांव चंद्ररहिया जिला चंपारन बिहार के अनिल प्रकाश,गांव तरूआ जिला रामपुर उत्तर प्रदेश के भगवान दास और उनके साथियों ने कहा राशन न मिला तो हालात और बदतर हो सकते है। पहले ही राशन खत्म हो चुका है। जो बचा था थोड़ा-थोड़ा खाकर टाइम पास किया है। अब तो वो भी नहीं है। श्रमिकों का भूख से हाल बुरा है। प्रशासन को जल्द कदम उठाने होंगे।
टिप्पणियाँ