एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को कावड़ियों पर पुष्प वर्षा को लेकर दिक्कत महसूस हो रही है। ओवैसी ने पुष्प वर्षा को लेकर विवादित बयान दिया है। ओवैसी इस तरह का विवादित बयान पहले भी देते रहे हैं। सावन में कावड़ यात्रा अनादि काल से चली आ रही है। सपा सरकार में कावड़ियों की गलत तस्वीर प्रस्तुत की गई। कावड़ यात्रा में संगीत आदि पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने निर्णय लिया कि कावड़ियों पर पुष्प वर्षा की जाएगी। दो वर्ष कोरोना की वजह से कावड़ यात्रा प्रभावित थी। इस वर्ष पूरे धूम-धाम से कावड़ यात्रा निकल रही है। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की थी।
ओवैसी ने कावड़ यात्रा की तुलना नमाज अदा करने के मामले से की है। उनका कहना है कि एक मज़हब पर बुलडोजर और दूसरे पर फूलों की बारिश क्यों? यही गर्मजोशी मुस्लिमों के प्रति नहीं दिखाई जाती, उनके घरों पर बुलडोजर चलाए जाते हैं। ओवैसी ने ट्वीट किया था कि अगर मुस्लिम भले कुछ मिनट के लिए ही खुले में नमाज पढ़े, तो विवाद हो जाता है। मुस्लिम, पुलिस की गोली, हिरासत में झड़प, रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून), यूएपीए, भीड़ हिंसा और बुलडोजर का सामना केवल मुस्लिम होने के नाते कर रहे हैं।
ओवैसी के बयान पर यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ‘हमने हमेशा कांवड़ियों की सेवा की है और आगे भी करते रहेंगे। इस तरह के ट्वीट का सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एआईएमआईएम प्रमुख को अपना रास्ता सुधारना चाहिए। वह वोट बैंक के लिए समाज को बांटने की कोशिश करते हैं।’ भाजपा के देवरिया से विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि जिन पर फूल बरसना चाहिए, उन पर फूल बरसेगा। जिन पर बुलडोजर चलना है उन पर बुलडोजर चलेगा। ओवैसी को पुष्प वर्षा के बजाय पत्थर वर्षा पर बोलना चाहिए।
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