मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह और राजेन्द्र माहेश्वरी की ओर से दायर दो वादों पर गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन अदालत ने अपना निर्णय सुनाया। कोर्ट ने कहा कि 25 जुलाई से केस के स्थायित्व संबंधी बिंदु पर प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से सुनवाई की जाएगी। पहले इस पर सुनवाई होगी कि ये केस चलने लायक है या नहीं। इसके बाद ही आगे की कोई सुनवाई होगी। इस निर्णय का प्रतिवादी पक्ष ने स्वागत किया है, जबकि पक्षकारों ने अग्रिम कोर्ट में जाने की बात कही है। वहीं मनीष यादव के वाद की सुनवाई वकीलों की हड़ताल के चलते नहीं हो सकी है, जिसकी सुनवाई 28 जुलाई को होगी।
गौरतलब है कि अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह व राजेंद्र माहेश्वरी ने दिसंबर 2020 में वाद दायर कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग की थी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान की पूरी 13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की थी।
18 जुलाई को सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योति सिंह की अदालत में पक्षकार एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह, एडवोकेट राजेंद्र माहेश्वरी और प्रतिवादी पक्ष इंतजामिया कमेटी के सचिव द्वारा सुनवाई के बिंदु पर बहस पूरी हुई थी। अदालत ने इस संबंध में निर्णय को रिजर्व कर लिया गया था। गुरुवार को अदालत ने निर्णय देते हुए कहा है कि अब पहले केस के स्थायित्व (7 रूल 77 सीपीसी) के मुद्दे पर 25 जुलाई को सुनवाई होगी। यह सुनवाई 25 जुलाई से प्रतिदिन अपरान्ह तीन बजे से होगी। दोनों पक्षों को मौजूद रहना होगा, किसी प्रकार का स्थगन प्रार्थना पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा।
पक्षकार अधिवक्ताओं ने बताया इस निर्णय से कोर्ट कमीशन के सर्वे का बिंदु पिछड़ जाएगा। वह इस आदेश से संतुष्ट नहीं है। वह इस आदेश को लेकर अग्रिम न्यायालय में जाएंगे। उधर प्रतिवादी पक्ष में से एक शाही ईदगाह के इंतजामिया कमेटी के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद ने कहा कि अदालत ने विधिक रूप से अच्छा निर्णय लिया है। हमने इस संबंध में अदालत के समक्ष सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट रूलिंग रखी थी।
गुरुवार को न्यायालय का निर्णय आने के बाद वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हम इस मामले में जिला जज के न्यायालय में अपील करेंगे। पहले पुरातत्व सर्वेक्षण और सर्वे कमिश्नर नियुक्त करने पर सुनवाई होनी चाहिए।
नहीं हो सकी दो वादों पर सुनवाई
उधर, नारायणी सेना के अध्यक्ष मनीष यादव और एक अन्य वाद में दुष्यंत यादव के वाद पर भी सुनवाई होनी थी। लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते सुनवाई नहीं हो सकी। मनीष यादव और दुष्यंत सारस्वत ने भी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है। मनीष यादव के वाद पर 28 जुलाई और दुष्यंत सारस्वत के वाद सुनवाई के लिए 25 अगस्त की तारीख तय की गई है।
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के वाद की सुनवाई 22 जुलाई को
22 जुलाई को अखिल भारतीय हिन्दूवादी महासभा के वाद पर सुनवाई होगी। दिनेश शर्मा ने बताया कि शुक्रवार हिंदू महासभा के वाद की सुनवाई होगी और उसमें हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने मांग की थी कि ईदगाह में किसी वरिष्ठ अधिवक्ता को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करके भेजा जाए। वहां के प्राचीन साक्ष्य की सर्वे कराई जाए लेकिन सिविल न्यायालय में कोई कार्रवाई ना होने के कारण दिनेश शर्मा ने जिला जज के यहां रिवीजन दाखिल किया और उस रिवीजन में एफओ जमा होने के बाद अब सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
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