दिल्ली में मेडिकल छात्रों का आक्रोश दिल्ली सरकार और प्रशासन के खिलाफ बढ़ता जा रहा है। कोविड परिस्थितियों (2020-21) में दो साल निस्वार्थ भाव से काम करने के बाद प्रशासन और सरकार ने इंटर्न के लिए कुछ नहीं किया। जिसको लेकर छात्रों का कहना है कि, इन पिछले चार निराशाजनक वर्षों का सामना करने के बाद, हम जून 2022 में बैच के प्रशिक्षु हमारे प्रशासन पहुंचे और पूछा कि हमारा वजीफा क्या है और यदि नहीं बढ़ाया गया तो यह कब बढ़ाया जाएगा। लेकिन कई दिनों तक हमें कोई जवाब नहीं मिला। निरंतर अनुवर्ती कार्रवाई के बाद हमें केवल मौखिक प्रतिक्रिया मिली कि हमारा वजीफा ₹15120 है और हमारे वरिष्ठ बैचों की तरह हमें भी हेरफेर किया गया था कि हमारी फाइलें आगे की प्रक्रिया के लिए भेज दी गई हैं।
छात्रों का कहना है कि, हम कॉलेज से 2017-18 बैच के इंटर्न चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान, खेरा डाबर नजफगढ़, नई दिल्ली 13 जुलाई 2022 से हमारे अस्पताल परिसर में हड़ताल पर बैठे हैं ताकि दिल्ली के किसी भी अन्य मेडिकल कॉलेज के समान वजीफा प्राप्त हो सके।
उन्होंने यह भी बताया कि जीसी का गठन नहीं किया गया है और हमारी मदद करने के लिए उनके पास कुछ भी नहीं है और केवल दिल्ली सरकार के उच्च अधिकारी ही हम कुछ करेंगे। इसके लिए हमने दिल्ली सरकार के कई उच्चाधिकारियों को मेल किया लेकिन यहां भी हमें निराशा ही हाथ लगी।
आगे उन्होंने कहा, इसलिए हमने अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए शांतिपूर्ण हड़ताल पर बैठने का फैसला किया। यदि अन्य कॉलेज जैसे बी.आर. सुर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज और ए एंड यू टिब्बिया कॉलेज और अस्पताल को ₹ 23,500 का वजीफा मिल रहा है और वीएमएमसी अस्पताल को ₹ 26,300 का वजीफा मिल रहा है (हमने इससे संबंधित सभी दस्तावेज संलग्न किए हैं) तो हमें केवल ₹ 15,120 ही क्यों मिल रहे हैं। 2014 से आज तक हमारा वजीफा वही रहा लेकिन हमारा कॉलेज जो 2017 में ₹64000 था अब एक लाख से अधिक हो गया है।
एनसीआईएसएम सीजी-डीएल-ई-17022022-233547 दिनांक 16/02/2022 के राजपत्र के अनुसार जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश से संबंधित इंटर्न को इंटर्नशिप के दौरान वजीफा का भुगतान अन्य चिकित्सा प्रणाली के अनुसार किया जाना चाहिए।
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