देश के सबसे खूबसूरत बुग्यालो में से एक दयारा बुग्याल में दो साल बाद फिर से बटर फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। अगले अगस्त माह की सोलह और सत्रह तारीख को ये उत्सव स्थानीय लोग मनाएंगे और इस दिन बड़ी संख्या में सैलानियों के भी आने की उम्मीद है।
अढ़ूड़ी उत्सव, जिसे बटर फेस्टिवल भी कहा जाता है, भाद्र माह की संक्रांति को बुग्याल में मनाया जाता है। इसके पीछे परंपरा ये है कि करीब अठाईस किमी वर्ग किमी में फैले दयारा बुग्याल में स्थानीय रैथल ग्राम के लोग अपने मवेशी चराते है और इस दिन अपने दुधारू पशुओं का निकला दूध और मक्खन की आपस में होली खेलते है। ये उत्सव प्रकृति का आभार प्रकट करने का भी प्रतीक माना जाता है। स्थानीय लोगो मानते है कि बुग्याल की घास की वजह से ही उनके मवेशी पलते है और उन्हे दूध मिलता है। बटर फेस्टिवल में राधा कृष्ण की भी प्रतिकात्मक पूजा की जाती है।
कोविड की वजह से पिछले दो सालो से ये बटर फेस्टिवल खुले रूप में न हो कर प्रतिकात्मक रूप में ही हो पाया था, लेकिन इस बार इसे पुनः उत्सव के रूप में मनाए जाने की तैयारी की जा रही है। अढ़ूड़ी उत्सव के लिए इस बार स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों के द्वारा भी पर्यटकों को बुलाने के लिए सोशल मीडिया के जरिए खूब प्रचार किया जा रहा है।
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