मौसम विभाग द्वारा संपूर्ण उत्तराखंड में दिनांक 18 से 22 जुलाई तक ऑरेंज /रेड अलर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी गई है कि संपूर्ण उत्तराखंड विशेषकर पहाड़ी जनपदों में भारी से भारी वर्षा के कारण भूस्खलन ,नदियों का जल स्तर बढ़ने, हाईवे को जोड़ने वाली सड़क के बाधित होने से प्राकृतिक आपदा की संभावना है।
मुख्य सचिव डा एस एस संधू ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए है कि इन दिनों में राहत बचाव दल को तैयार रखे,सड़क साफ करने के लिए और ऊपरी ग्रामों में आपदा की स्तिथि में शीघ्र पहुंचने के लिए संसाधनों को तैयार रखे। श्री संधू ने पुलिस, पीएसी और आपदा की स्तिथि में नजदीक अर्ध सैनिक शिविरो में रहने वाले अधिकारियों और सिपाहियो से भी मदद लेने को कहा है।
मौसम विभाग द्वारा ऑरेंज , रेड अलर्ट के दृष्टिगत ,शासन ने आपदा प्रबंधन दलों को एंबुलेंस एवं पर्याप्त चिकित्सा की व्यवस्था सहित अलर्ट रहने, सड़क से मलबा हटाने के लिए जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था एवं उसी दौरान घटने वाली प्रत्येक घटना की अद्यतन सूचना से अवगत कराने के निर्देश भी दिए है। साथ ही उन्होंने जनपद की समस्त जनता से अपील की है कि मौसम विभाग द्वारा जारी ऑरेंज/ रेड अलर्ट एवं चेतवानी को ध्यान में रखते हुए सतर्कता, सावधानी एवं सुरक्षित रहें और अतिआवश्यक होने पर ही यात्रा करें।
मौसम विभाग ने चमौली, पौड़ी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर,रुद्रप्रयाग, नैनीताल आदि जिलों में भारी बारिश भूस्खलन की चेतावनी दी है। नैनीताल जिला प्रशासन ने अगले दो हफ्तों तक पहाड़ी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के मकान निर्माण में होने वाली खुदाई पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पुलिस प्रशासन के वाहन नदियों के किनारे मुनादी कर लोगो को चेतावनी दे रहे है कि वो 18 जुलाई से अगले पांच दिनों तक नदी किनारे नही जाएं। आशंका जताई जा रही है इन चार पांच दिनों की बारिश में उत्तराखंड से निकलने वाली सभी नदियों का जल स्तर भी खतरे के निशान के आसपास पहुंच जाएगा।
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