औरंगाबाद का नाम अब छत्रपति संभाजीनगर होगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मंत्रिमंडल बैठक के बाद यह जानकारी दी। मराठवाड़ा विभाग का मुख्यालय औरंगाबाद है और बालासाहब ठाकरे ने इस शहर का नाम संभाजीनगर रखने का ऐलान तीस साल पहले किया था। उस्मानाबाद का नाम भी बदल कर धाराशिव रखने का निर्णय इस बैठक में किया गया। नई मुंबई के आंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को दि. बा. पाटील का नाम देने का निर्णय भी लिया गया।
मंत्रिमंडळ निर्णय
1. औरंगाबाद शहराचे ‘छत्रपती संभाजीनगर‘ असे नामकरण
2. उस्मानाबाद शहराचे धाराशिव असे नामकरण
3. नवी मुंबई आंतरराष्ट्रीय विमानतळाचे नाव ‘लोकनेते स्व. दि. बा. पाटील नवी मुंबई आंतरराष्ट्रीय विमानतळ‘#CabinetDecision pic.twitter.com/zD6faIJNAI— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 16, 2022
महाविकास आघाडी सरकार के अल्पमत मे जाने के बाद जब राज्यपाल ने उन्हे बहुमत साबित करने को कहा था तब बहुमत साबित करने से पहले ही आनन फानन में मंत्रिपरिषद की बैठक लेकर उन्होने संभाजीनगर, धाराशिव और दि. बा. पाटील हवाई अड्डे नामांतर का निर्णय किया था। यह बैठक गैरकानूनी थी ऐसा दावा करते हुए यह निर्णय एकनाथ शिंदे मंत्रिमंडल ने स्थगित किए थे। आज वही निर्णय फिर से आधिकारिक तौर पर किए गए। इसके अलावा महाराष्ट्र रस्ते विकास एजेन्सी को साठ हजार करोड का कर्जा लेने की अनुमति दे दी गयी। सरकार की ओर से बारह हजार करोड़ की गारंटी देने का निर्णय लिया गया। मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने जल्द ही मंत्रिपरिषद का विस्तार करने की बात कही।
औरंगाबाद का नाम प्राचीन काल में खडकी था लेकिन मुगल काल के बाद इसे औरंगजेब का नाम दे दिया गया और इसका नाम औरंगाबाद रखा गया। मराठवाड़ा में जिला स्थान उस्मानाबाद का प्राचीन नाम धारासूरमर्दिनी देवी के कारण धाराशिव था लेकिन हैदराबाद के निजाम के कार्यकाल में निजाम उस्मानअली के नाम से धाराशिव का नाम उस्मानाबाद रखा गया था। अब औरंगाबाद को छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद को फिर से धाराशिव नाम वापस मिल गया है।
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