गोधरा कांड में एसआईटी ने बड़ा दावा किया है। एसआईटी ने कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि तत्कालीन गुजरात सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची गई। तीस्ता सीतलवाड़ को सोनिया गांधी के निजी सचिव रहे अहमद पटेल से 30 लाख रुपए मिले थे। गुजरात पुलिस की एसआईटी ने 2002 के गुजरात दंगे से जुड़े एक मामले में गत दिनों तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व पुलिस महानिदेशक आरबी श्रीकुमार और आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को गिरफ्तार किया था।
एसआईटी ने कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि दो गवाहों के बयान ले लिए गए हैं। जांच में पता चला कि साजिश को तीस्ता सीतलवाड़ ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर सोनिया गांधी के निजी सचिव अहमद पटेल के इशारे पर अंजाम दिया। तीस्ता शुरुआत से ही इस साजिश का हिस्सा रहीं। गोधरा कांड के बाद उन्होंने अहमद पटेल के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्हें पांच लाख रुपए मिले। इसके बाद सर्किट हाउस में दोनों के बीच बैठक हुई और बाकी के 25 लाख रुपए दिए गए। पैसा किसा राहत कोष से संबंधित नहीं थी।
भाजपा हुई हमलावर
इस आरोप के बाद भारतीय जनता पार्टी हमलावर हो गई है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एसआईटी के हलफनामे ने इस सच्चाई को सामने लाया है कि इन साजिशों को अंजाम देने वाले लोग कौन थे। हलफनामे में कहा गया है कि अहमद पटेल के इशारे पर तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य ने गुजरात सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची। पात्रा ने कहा कि अहमद पटेल तो बस एक नाम है, जिसकी प्रेरक शक्ति उनकी बॉस सोनिया गांधी थी। सोनिया गांधी ने अपने मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के जरिए गुजरात की छवि खराब करने की कोशिश की। पटेल के माध्यम से सोनिया ने नरेन्द्र मोदी का अपमान करने का प्रयास किया और वह इस पूरी साजिश के सूत्रधार थी।
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