पिछले दिनों लखनऊ से एक खबर आई थी कि पिटबुल डॉग ने घर में बुजुर्ग पर हमला कर दिया। उन्हें इतनी बुरी तरह से नोचा कि उनकी मौत हो गई। अब एक खबर दिल्ली से आई है, इसमें कुत्ते ने हमला तो नहीं किया लेकिन एक बेटा अपने बुजुर्ग माता-पिता पर कुत्ते से हमला कराने की धमकी देकर उन्हें डराता था। कटवाने के लिए वह कुत्ता भी लेकर आया। वर्तमान में टूटते रिश्तों और उन्हें सहेज कर न रख पाने की यह बानगी है। यह घटना दिल्ली के साकेत इलाके की है।
बुजुर्ग मां सुरक्षा के लिए न्यायालय गई। कोर्ट ने बेटे को आदेश दिया कि वह बुजुर्ग का घर छोड़कर चला जाए और अपने कुत्ते को भी साथ लेकर जाए।
72 वर्षीय बुजुर्ग मां ने घरेलू हिंसा रोकथाम अधिनियम के तहत कोर्ट में अपील दायर की थी। उन्होंने जज को बताया कि मकान को उन्होंने खुद की कमाई से खरीदा था। उन्हें बेटे व उसके परिवार से बहुत लगाव है। कोरोना काल में जब बहू और बेटे की नौकरी छूट गई तो उन्होंने अपने घर में रहने के लिए जगह दी। घर में जगह पाते ही बेटे का व्यवहार बदल गया। वह परेशान करने लगा। बुजुर्ग दंपति को सांस की बीमारी है, इसके बावजूद वह कुत्ता खरीद कर ले आया। वह कुत्ते को बुजुर्ग माता-पिता पर हमला करने के लिए उकसाता था। वह इतना डर गए कि कमरे से भी बाहर नहीं निकलते थे। पोते के स्कूल का खर्च भी बुजुर्ग उठाते थे, इसके बावजूद बेटा शारीरिक और मानसिक पीड़ा दे रहा था।
अदालत ने बेटे को अपने कुत्ते के साथ घर से निकल जाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि माता-पिता ने अपनी पूरी उम्र घोंसला (घर) बनाने में बिता दी। जीवन के अंतिम पड़ाव में जब उन्हें शांति की जरूरत है तब अपना बेटा ही उन्हें घोर पीड़ा दे रहा है। यह बेहद दुखद है। यह अकेला मामला नहीं है। देश में रोजाना सैकड़ों बुजुर्ग इस तरह की पीड़ा से गुजर रहे हैं।
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