पूर्णिया प्रमंडल में हिंदू प्रताड़ित होने को विवश हैं। पुरुषों के सामने ही घर की महिला से बलात्कर किया जाता है। अगर कोई जिहादी किसी हिंदू महिला के पीछे पड़ता है तो उसे उसकी हर बात माननी पड़ती है। कई बार तो जबरन महिला को मुस्लिम तक बना दिया जाता है। जिहादियों को मनमर्जी नहीं करने देने का अंज़ाम बहुत बुरा होता है। ऐसी ही एक घटना पुनः कटिहार जिले के अमदाबाद प्रखंड अंतर्गत डगरवा इंग्लिश गाँव में देखने को मिली है। यहाँ एक जिहादी ने हिंदू महिला के साथ बलात्कार करने की कोशिश की। असफल रहने पर उसने उनकी दोनों आँखें फोड़ दीं। सबसे हैरानी की बात है कि आरोपी शमीम पीड़िता 45 वर्षीया रेखा देवी के पड़ोस में रहता था।
घटना की जानकारी देते हुए पीड़िता की बेटी ने बताया, ”12 जुलाई को वह अपनी माँ के साथ सो रही थी। रात को करीब 12 बजे शमीम ने दीदी, दीदी कहकर आवाज़ लगाई। आवाज सुनकर माँ ने दरवाजा खोला। इसके बाद शमीम माँ को जबरदस्ती ले जाने लगा। उसके साथ एक—दो लोग और भी थे। वे लोग माँ को बगल के पटुवा के खेत में ले गए। माँ के साथ जबरदस्ती करते देखकर मैं काफी चिल्लाई, लेकिन रात होने के कारण कोई मदद करने नहीं आया।”
यह भी बताया जा रहा है कि जब महिला ने उन लोगों को मनमानी नहीं करने दी तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर चला गया। गालियाँ देते हुए उनके साथ मारपीट करने लगे। शमीम ने उन्हें इतना मारा कि वह अधमरी हो गई। इसके बाद शमीम ने रस्सी से उनका मुँह बांध दिया। फिर हैवानियत की सीमा पार कर उसने उनकी दोनों आँखें फोड़ डालीं।
पता चला है कि रेखा देवी के पति बाहर रहकर मजदूरी करते हैं। छह दिन पहले ही वे दिल्ली गए थे। घायल महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया है। चिकित्सकों का कहना है कि महिला के आँखों की रोशनी लौटेगी या नहीं कहना मुश्किल है। पुलिस ने त्वरित कारवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
इस क्षेत्र में यह कोई पहली घटना नहीं है। गत वर्ष जुलाई में भी कटिहार के आज़मनगर प्रखंड से इसी प्रकार की एक घटना सामने आई थी। कुछ समय से एक शिक्षा सेविका के पीछे शाह आलम नामक एक जिहादी पड़ा था। जान बचाने के लिए वह महिला उसकी बात मामने लगी। बता दें कि कटिहार के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में अगर कोई महिला समझौता नहीं करती है तो उसे मार दिया जाता है।हिंदू होने के कारण मजबूरी में उसने शारीरिक समझौता कर लिया। वह उसको अपनी जागीर समझने लगा। अक्सर मारपीट करता। 4 जुलाई, 2021 को तो शाह आलम ने सारी हदें पार कर दीं। उसने अपने जीजा और अन्य मित्रों के साथ शिक्षा सेविका का अपहरण कर उसे मुसलमान बना दिया। उसके बाद हिंदू संगठनों की सक्रियता से महिला की घर—वापसी हुई और आरोपी जेल गया।
कटिहार जिले में ही 10 जून, 2018 की रात को करीब 12 बजे आजमनगर थाना अंतर्गत हरनागर गांव में मुसलमानों की भीड़ ने चाय की दुकान चलाने वाले बज्जन दास, उनकी गर्भवती पत्नी मंजुला देवी और दो बच्चियों पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। इसमें दो बच्चियां जिंदा जल कर मर गई थीं। बज्जन और मंजुला को महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था। घटना के संबंध में कहा गया था कि बज्जन की चाय दुकान सरकारी जमीन पर थी और उस पर मुज्लिम नामक एक व्यक्ति की नजर थी। उसने कई बार उस जगह को खाली करने की धमकी दी थी, लेकिन बज्जन ने उसकी धमकी पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसके बाद मुज्लिम ने करीब 200 लोगों की भीड़ के साथ उस पर हमला कर दिया था।
कटिहार जिले के हालात तो ऐसे हैं कि यहाँ हिंदुओं को अपनी शोभा यात्रा निकालने के लिए भी सजग रहना पड़ता है। इस वर्ष रामनवमी के दिन विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों ने शोभा यात्रा निकाली थी। कटिहार के फकीर तकिया चौक पर एम जी रोड स्थित जामा मस्जिद के सामने युवकों ने मानव शृंखला बनाई। इसकी तस्वीर को वामपंथियों ने इस रूप में प्रस्तुत किया कि मानो मस्जिद को बचाने के लिए हिंदुओं ने मानव श्रृंखला बनाई, जबकि ऐसा नहीं था। विश्व हिंदू परिषद के ज़िला मंत्री रितेश दूबे के अनुसार, “मस्जिद को बचाने के लिए हमने ह्यूमन चेन (मानव शृंखला) नहीं बनाई थी। हमारी शोभायात्रा में शामिल लोगों को किसी तरह की कठिनाई न हो इसलिए हम लोग मानव शृंखला बनाकर शोभायात्रा निकाल रहे थे।”
कहने का अर्थ है कि इस जिले में न तो हिंदू बहू—बेटियां सुरक्षित हैं और न ही हिंदू अपने पर्व—त्योहार ठीक से मना पाते हैं।
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