उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने साक्षात्कार बोर्ड में परिवर्तन किया है. राज्य की प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के चयन हेतु अब साक्षात्कार बोर्ड में बदलाव किया गया है. साक्षात्कार बोर्ड में अब प्राथमिकता के तौर पर विश्वविद्यालयों के कुलपति, पूर्व न्यायाधीश, कार्यरत एवं पूर्व आईएएस-आईपीएस, सेना में ब्रिगेडियर स्तर से ऊपर के अधिकारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक और केंद्र सरकार में प्रथम श्रेणी के अधिकारियों को बुलाया जाएगा.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत का कहना है कि साक्षात्कार बोर्ड में विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शामिल करने से चयन प्रक्रिया और बढ़िया हो सकेगी. अधिकारियों के चयन में परख और पारदर्शिता बेहतर हो सकेगी. आयोग की ओर से न्यायिक मजिस्ट्रेट के चयन के लिए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति को पहले से ही बुलाया जाता रहा है. उप जिलाधिकारी एवं डिप्टी एस पी आदि अधिकारी के पद पर चयनित होने वाले अभ्यर्थियों के साक्षात्कार बोर्ड में न्यायमूर्ति को बुलाया जायेगा. इससे अभ्यर्थियों की कानूनी समझ को परखा जा सकेगा.
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग काफी समय से स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. आयोग की कोशिश है कि जितना लक्ष्य तय किया गया है . उतना चयन हर हाल में कर लिया जाय. स्टाफ कम होने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग तेजी से भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है.
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