पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने काम को अंजाम देने के लिए हिंदू युवकों को भी अपने जाल में फंसा रही है। सुधीर कुशवाहा नामक एक युवक को बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसने बताया है कि वह आईएसआई के लिए काम करता था। यह बहुत ही चिंताजनक बात है।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने काम के लिए बिहार के सीमावर्ती जिले के हिंदू युवकों को भी अपने जाल में लेने में सफल हो रही है। पहले इस तरह के काम में मुसलमान युवा ही होते थे, लेकिन अब इसमें हिंदू युवक भी शामिल हो रहे हैं। यह भारत की सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही गंभीर बात है। यह भी पता चला है कि आतंकियों के काम में चीन भी सहयोग करता है। यह जानकारी मोतिहारी के घोड़ासाहन निवासी सुधीर कुशवाहा की गिरफ्तारी से सामने आई है। सात वर्ष से फरार चल रहा सुधीर गत दिनों पुलिस की गिरफ्त में आया है। मुज़फ्फरपुर रेलवे स्टेशन के समीप पुलिस ने उसे 1.54 लाख रु के जाली भारतीय नोट और अपाची बाइक के साथ गिरफ़्तार किया है। पूछताछ में सुधीर ने कई खुलासे किए हैं। नकली नोटों के सौदागर सुधीर के तार नेपाल और पाकिस्तान के अलावा मलेशिया, दुबई, चीन और बांग्लादेश तक फैले हुए हैं। वह आईएसआई के लिए बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘स्लीपर सेल’ भी तैयार करता था। इन दिनों वह अपने ‘स्लीपर सेल’ को सक्रिय करने का भी प्रयास कर रहा था।
पता चला है कि सुधीर कई वर्षों से आतंकियों के लिए काम कर रहा था। हिंदू होने के कारण उस पर किसी को शक नहीं होता था। सुधीर ने नेपाल के बाड़ा जिले के कलैया थाने के विसरामपुर छतवा में अपना ठिकाना बना रखा था। उसने स्थानीय लड़की से शादी भी कर ली थी। इस बहाने उसने नेपाल की नागरिकता भी ले रखी थी। कोयला कारोबार की आड़ में वह नकली नोटों का धंधा करता था। उसके संपर्क तेलगी से भी थे। पुलिस से बचने के लिए वह अपना ठिकाना बार-बार बदल रहा था। मुजफ्फरपुर, बेतिया, मोतिहारी, सीतामढ़ी जिले में लगातार नकली नोट की खेप पकड़ी जा रही थी। इन मामलों में सुधीर का नाम सामने आ रहा था। इसके बाद सुधीर की घेराबंदी के लिए बिहार पुलिस काठमांडू तक गई। बेहद गोपनीय इस अभियान को सफल बनाने के लिए नेपाल पुलिस की मदद ली गई। मुज़फ्फरपुर नगर थानेदार अनिल कुमार कोयला के कारोबारी बनकर उसके ईंट भट्ठे पर पहुंचे। इसके साथ ही बिहार पुलिस उसकी गतिविधियों पर बराबर नजर रख रही थी। गत दिनों जब सुधीर ने सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल सीमा पार किया तो उसका पीछा कर मुजफ्फरपुर जिले में उसे गिरफ्तार किया गया।
एनआइए के दो लाख रु का इनामी है सुधीर
सुधीर की अपराध गाथा लंबी है। 2005 में नकली नोटों के साथ दिल्ली के एक होटल से वह गिरफ्तार हुआ था, लेकिन साक्ष्य के अभाव में छूट गया। 2014 में 50,00,000 रु का नकली नोट दिल्ली से और 21 सेलफोन मोतिहारी से बरामद हुए थे। इन दोनों मामलों में उसका नाम सामने आया था। इसके अलावा 2016 में घोड़ासाहन रेलवे ट्रैक पर हुए प्रेशर कुकर बम विस्फोट में भी उसका नाम आया था।
2008 में नकली भारतीय नोट के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सुधीर के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। वह तभी से फरार था। एनआईए ने उसके विरुद्ध न्यायालय से लुकआउट नोटिस भी जारी करा रखा है। एनआईए ने उसके विरुद्ध 2,00,000 रुपए का इनाम भी घोषित किया था।
बिहार पुलिस के बाद अब एनआईए सुधीर से पूछताछ करने वाली है। उम्मीद है कि जांच एजेंसियां सुधीर के सरपरस्तों तक भी पहुंचेंगी और एक बड़े षड्यंत्र का खुलासा होगा।
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