अपनी पार्टी और मंत्रिमंडल में विद्रोह के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कंजरवेटिव पार्टी के नेता के दायित्व से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। पार्टी का नया नेता चुने जाने तक वे प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इस्तीफे से पहले राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनाईं।
ब्रिटेन में सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों की बगावत के बाद दो दिन में 41 मंत्रियों व संसदीय सचिवों ने इस्तीफे की घोषणा की। इसके बाद से प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर भी पद छोड़ने का दबाव बन रहा था। गुरुवार को जॉनसन ने पार्टी के नेता के दायित्व से इस्तीफे के बाद अब पार्टी का नेता चुना जाएगा और उसी नेता को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का दायित्व सौंपा जाएगा। नए नेता के चुनाव तक जॉनसन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इस्तीफे से पहले राष्ट्र को संबोधित करते हुए जॉनसन ने कहा कि अब तक हुए घटनाक्रम से साफ है कि संसदीय दल चाहता है कि अब पार्टी का एक नया नेता प्रधानमंत्री पद पर बैठे। अगले सप्ताह नए प्रधानमंत्री के चयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। तब तक के लिए एक कैबिनेट का गठन कर दिया गया है।
जॉनसन अपने संबोधन के दौरान काफी भावुक भी दिखे। उन्होंने कहा कि 2019 में उनके नेतृत्व में पार्टी को 1987 के बाद सबसे बड़ा बहुमत मिला था। पार्टी को मिले मतों की हिस्सेदारी 1979 के बाद सर्वाधिक थी। अपने कार्यकाल के दौरान किये कार्यों पर गर्व की अनुभूति करते हुए उन्होंने ब्रेग्जिट के साथ कोरोना महामारी से देश को निकालने की बात कही। साथ ही वैक्सिनेशन कार्यक्रम की सफलता का भी जिक्र किया। जॉनसन ने कहा कि यूक्रेन की मदद में भी ब्रिटेन ने पूरी दुनिया को रास्ता दिखाया है। जॉनसन ने कहा कि सरकार को अभी बाकी बचे कार्यकाल में काफी कुछ करना है। दावा किया कि उन्होंने साथियों को काफी समझाने की कोशिश की कि प्रधानमंत्री को बदलना एक गलत कदम होगा। लेकिन वे उन्हें समझा नहीं पाए।
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