यू.सी. बनर्जी
इन्होंने कहा कि गोधरा में कारसेवकों को जलाने की घटना साजिश नहीं, बल्कि एक घटना थी।शबनम हाशमी
2003 में ‘अनहद’ नामक संगठन बनाया। इसके माध्यम से गुजरात दंगों को लेकर झूठी बातें फैलाई।तीस्ता सीतलवाड़
फर्जी दंगा पीड़ित तैयार किए। अदालतों में झूठे शपथपत्र देकर देश को गुमराह किया।मुकुल सिन्हा
मानवाधिकार कार्यकर्ता की आड़ में नफरत फैलाने का काम किया।सेड्रिक प्रकाश
मानवाधिकार कार्यकर्ता की आड़ में झूठ फैलाने वालों को प्रोत्साहित किया।
के.एन. पणिक्कर
‘अनहद’ के बैनर तले राष्ट्रवादी संगठनों को बदनाम करने में बड़ी भूमिका निभाई।हर्ष मन्दर
गुजरात दंगों के संदर्भ में फर्जी कहानियां गढ़ीं। इनकी मदद की आड़ में विदेशी चंदा लिया।सईद अख्तर मिर्जा
इस फिल्मकार ने ‘अनहद’ से जुड़कर भारत और भारत के बाहर हिंदुओं को बदनाम किया।
मल्लिका साराभाई
फर्जी कहानियां गढ़ने में सेकुलर टोली की मदद की।महेश भट्ट
गुजरात दंगों को लेकर देशभर में गोष्ठियां कीं और लोगों को फर्जी बातें बताईं।
जावेद अख्तर
इस गीतकार ने कई वर्ष तक गुजरात दंगों को लेकर संघ विचार परिवार को बदनाम किया।
संजीव भट्ट
एक सरकारी बैठक में न रहते हुए बैठक में होने का दावा किया। एसआईटी पर सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया।
आरबी श्रीकुमार
गुजरात दंगे के बारे में भ्रामक जानकारी दी। निर्दोष को फंसाने के लिए षड्यंत्र रचा।
राणा अय्यूब
नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बनने वाले थे तब विदेशी अखबारों में उनके विरुद्ध लेख लिखे।
अनिल धारकर
वर्षों तक गुजरात दंगों पर निराधार लेख लिखकर पूरे राज्य को बदनाम किया।
विजय तेन्दुलकर
सेकुलर गिरोह के हर दुष्प्रचार को प्रचारित किया। खुद झूठे बयान दिए।
उर्विश कोठारी
अखबारों में तथ्यहीन स्तंभ लिखकर गुजरात सरकार और नरेंद्र मोदी को बदनाम किया।
गगन सेठी
गुजरात दंगों को साजिश बताकर हिंदुओं के खिलाफ अभियान चलाया।कमला भसीन
दुनियाभर में भारत की छवि को खराब करने का प्रयास किया।
राम पुनियानी
दंगों के लिए हिंदू समाज को दोषी ठहराया। ‘26/11 मुम्बई’ पुस्तक मैं बजरंग दल जैसे संगठनों को बदनाम किया।
प्रकाश एन. शाह
फर्जी लेख लिखे। जगह-जगह भाषण देकर दंगों को साजिश बताया।
राहुल बोस
नरेंद्र मोदी के विरुद्ध लगातार बयान दिए। बेबुनियाद आरोप लगाए।
अलीक पदमसी
मोदी विरोधी अभियान चलाया। उन्हें वीजा न मिले, इसके लिए काम किया।
प्रशांत दयाल
बेबुनियाद बातों को अखबारोें के जरिए लोगों तक पहुंचाया, ताकि नरेंद्र मोदी की छवि खराब हो।
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