भारतीय रेल स्टार्टअप के माध्यम से उन्नत तकनीक को अपनाकर ट्रेनों के परिचालन में आने वाली चुनौतियों से निपटेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्टार्टअप इंडिया विजन के तहत रेल मंत्री द्वारा इंडियन रेलवे इनोवेशन पॉलिसी ”स्टार्टअप फॉर रेलवे” लांच करने के बाद इस पर तेजी से काम चल रहा है।
नई इनोवेशन पॉलिसी के माध्यम से समाधान के प्रथम चरण में रेल परिचालन से जुड़ी 11 विभिन्न प्रकार की चुनौतियों की पहचान की गई है तथा उसे पोर्टल पर अपलोड किया गया है। जिसके माध्यम से इनोवेटर रेलवे के विकास में योगदान दे सकेंगे। चुनौतियों में ब्रोकेन रेल डिटेक्सन सिस्टम, रेल स्ट्रेस मॉनिटरिंग सिस्टम, उपनगरीय खंडों का भारतीय रेलवे के राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के साथ समन्वय करके हेडवे इम्पूर्वमेंट सिस्टम, ऑटोमेशन ऑफ ट्रैक इंस्पेक्शन एक्टिविटीज, डिजाइन ऑफ सुपीरियर इलास्टोमेरिक पैड फॉर हैवी हॉल फ्रेट वैगंस, थ्री फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास, नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन का विकास, यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डाटा का उपयोग कर विश्लेषणात्मक उपकरण का विकास, ट्रैक क्लिनिंग मशीन, पोस्ट ट्रेनिंग रिवीजन एवं सेल्फ सर्विस रिफ्रेशर कोर्स के लिए ऐप तथा पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स और जीआईएस का उपयोग चिन्हित किया गया है।
पूर्व मध्य रेलवे के अपर महाप्रबंधक तरूण प्रकाश ने बताया कि रेलवे में नई तकनीक के समावेश की संभावनाएं हैं। युवा वर्ग के पास विभिन्न प्रकार के नए आइडियाज हैं, जिसके लिए रेलवे ने इनोवेशन पोर्टल के माध्यम से यह प्लेटफार्म दिया है। रेलवे में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए समान भागीदारी के रूप में डेढ़ करोड़ रुपये तक का सहयोग किया जाएगा, जिसके माध्यम से रेलवे में नई तकनीक का विकास होगा। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे की इनोवेशन पालिसी में कई विशेषताएं हैं, इनोवेटर को समान साझेदारी के आधार पर डेढ़ करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
समस्याओं के समाधान के लिए अस्थायी से लेकर प्रोटोटाइप के विकास तक की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और उद्श्यपूर्ण बनाने के लिए निर्धारित समयावधि में ऑनलाईन की जाएगी। प्रोटोटाइप के सफल प्रदर्शन पर बढ़ी हुई धनराशि दी जाएगी। इनोवेटर्स का चयन एक पारदर्शी एवं निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा। विकसित इंटेलेक्चुवल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) इनोवेटर्स के पास ही रहेगा। इनोवेटर को एस्योर्ड डेवलेपमेन्टल ऑर्डर मिलेगा। विलंब से बचने के लिए उत्पाद विकास प्रक्रिया का विकेन्द्रीकरण होगा।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि इसके लिए कार्यशाला कर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के बाद इनोवेटर्स, पार्टनरशिप फर्म, कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा विस्तृत चर्चा हुई। सात जुलाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रेल मंत्रालय द्वारा स्टार्टअप फॉर रेलवे पर एक इंटरैक्टिव सेशन का आयोजन किया जा रहा है। इनोवेटर्स, पार्टनरशिप फर्म, कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा चार जुलाई तक ईमेल पर अपने सुझाव और सवाल भेजा जा सकता है। भारतीय रेल द्वारा लांच इनोवेशन पोर्टल वेबसाइट www.innovation.indianrailways.gov.in के माध्यम से इच्छुक स्टार्टअप, इनोवेटर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमी प्रस्ताव भेज सकते हैं।
बेगूसराय के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि भारतीय रेलवे ने स्टार्टअप और अन्य संस्थाओं की भागीदारी के माध्यम से इनोवेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल किया है। रेलवे का यह कदम परिचालन, रखरखाव और बुनियादी ढांचे के निर्माण के क्षेत्र में नई ऊंचाई प्रदान कर न केवल यात्रा संबंधी परेशानी दूर करेगी। बल्कि, स्टार्टअप फॉर रेलवे नए आत्मनिर्भर भारत के मील का पत्थर साबित होगा।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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