सेना में भर्ती के लिए महत्वाकांक्षी अग्निपथ योजना के तहत चार सालों के लिए भर्ती होने वाले सैनिकों को ममता बनर्जी ने डस्टबिन करार दिया है। आसनसोल में शत्रुघ्न सिन्हा की जीत को लेकर आयोजित धन्यवाद रैली में ममता ने अग्निपथ की योजना को स्कैम करार दिया है और कहा है कि भाजपा द्वारा तैयार होने वाले इन डस्टबिनों की जिम्मेवारी उनकी सरकार बिल्कुल नहीं लेगी।
एक कर्नल ने पत्र लिखकर राज्य सरकार से मांग की है कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को राज्य सरकार की नौकरियों में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इसका जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि अग्निवीर भाजपा के डस्टबिन हैं और राज्य सरकार इनकी जिम्मेवारी बिल्कुल नहीं लेगी।
इससे पहले ममता बनर्जी ने अग्निवीरों को भाजपा का कैडर करार दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें बंदूक की ट्रेनिंग दी जाएगी और ऐसे लोगों की फौज तैयार की जाएगी जो भविष्य में देश में अपराध को बढ़ाएंगे। मंगलवार को आसनसोल में संबोधन करते हुए ममता ने कहा कि भाजपा के डस्टबिन की जिम्मेवारी राज्य सरकार क्यों लेगी। केंद्र ने पहले कहा था कि 20 हजार लोगों को सेना में नौकरी मिलेगी और बाद में 40 हजार लोगों की नियुक्ति की घोषणा की है। इससे एक राज्य से 1000 बच्चे भी नियुक्त नहीं हो सकेंगे। अगर इन बच्चों की नियुक्ति भी होती है तो चार साल के बाद उनकी जिंदगी का क्या होगा। राज्यों से अग्निवीरों को नौकरी देने को कहा जा रहा है। आखिर राज्य सरकारें आपके पाप का बोझ क्यों उठाएंगी?
उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद सभी अग्निवीरों को घर वापस भेज दिया जाएगा। नौकरी के लिए राज्यों में जाने के लिए कहा जाएगा लेकिन राज्य सरकार भाजपा के डस्टबिन को स्वीकार नहीं करेगी। भाजपा का काम केवल लोगों को बरगलाना और झूठ बोलना है। रेलवे से 70 हजार पद समाप्त कर दिए गए हैं।
ममता ने कहा कि मुझे एक कर्नल भाई का पत्र मिला है जिसमें उन्होंने चार साल बाद हमें राज्य सरकारों की नौकरियों में अग्नि वीरों को प्राथमिकता देने के लिए कहा है। लेकिन यह एक बड़ा स्कैम है। चार महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। 100 में से चार लोगों को भी नौकरी नहीं मिलेगी। फिर चार साल बाद नौकरी से निकाल दिया जाएगा। यह ठीक वैसा ही है जैसे भाजपा ने सत्ता में आने से पहले 15 लाख रुपये देने का वादा किया था लेकिन किसी को नहीं मिला। रेल सेल एयर इंडिया कोल इंडिया को बेचा जा रहा है। लोकोमोटिव को बंद करने की कोशिश की जा रही है। पहले से जो रिक्त पद है उन्हें क्यों नहीं भरा गया है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ