शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने अपने बागी विधायकों को वापस बुलाने के चक्कर में विधायकों की मांग के अनुसार अगर विधायक मुंबई में आकर चर्चा करेंगे तो शिवसेना महाविकास आघाडी के बाहर निकलने को तैयार है ऐसा बयान दिया है। शिवसेना के इस रूख से महाविकास आघाडी के दल कांग्रेस और एनसीपी में बेचैनी बढ गई है।
कांग्रेस ने इस विषय पर विचार करने के लिए विधायकों की बैठक बुलाई है। शिवसेना ने महाविकास आघाडी से बाहर होने की बात कहने से पहले कांग्रेस और एनसीपी के साथ कुछ बातचीत करने की जरूरत थी लेकिन ऐसी कोई चर्चा नही की गयी। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले और एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने इस विषय में नाराजगी जतायी है। ।
एकनाथ शिंदे के साथ जो विधायक है उन में से औरंगाबाद के विधायक संजय शिरसाट ने मुख्यमंत्री को एक खत लिखा है। एकनाथ शिंदे ने अपने ट्विटर पर यह खत डाला है। उस पर टिपणी की है कि यह है हम विधायकों के मन की भावना। इस खत में शिरसाट कहते हैं कि, जब मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी निवास ‘वर्षा’ को छोड कर ‘मातोश्री’ पर जाने का निर्णय लिया तब पहली बार आम आदमी को मुख्यमंत्री के घर आने की अनुमती मिली। पिछले ढाई साल में हम शिवसेना के विधायकों को भी मुख्यमंत्री आवास पर जाने की अनुमती नही थी। वहाँ जाने के लिए मुख्यमंत्री के निकट जो जनाधार न रहनेवाले लोग हैं उनसे अनुमती लेना पड़ती थी। हमे मुख्यमंत्री निवास पर बुलाया जाता था लेकिन घंटो गेटपर रोक कर वापस भेजा जाता था। शिवसेना के विधायकों के चुनाव क्षेत्र में ना तो बजट मिल रहा था न तो कुछ निर्माण कार्य हो रहे थे। शिरसाट ने जिक्र किया है कि महाविकास आघाडी के अन्य घटक दल एनसीपी, कांग्रेस के लोग अपने चुनाव क्षेत्र में निर्माण कार्य के उद्घाटन कर रहे हैं। यह उद्घाटन भी मुख्यमंत्री के हाथो किया जा रहा था। लेकिन हमारे चुनाव क्षेत्र की जनता हम पर हँस रही थी।
शिरसाट ने आदित्य ठाकरे की अयोध्या दौरे का जिक्र करत हुए सवाल खडा किया है कि हम अगर शिवसैनिक हैं तो हमे अयोध्या जाने से क्यों रोका गया? मुख्यमंत्री हमे मिलने को तैयार नही थे तब एकनाथ शिंदे एकमात्र हमारे आधार बने थे। अपनी बाते हम एकनाथ शिंदे को कहते रहे।
मुंबई, ठाणे में शिवसेना के इस संघर्ष के बारें में पोस्टर वार चलता रहा। एकनाथ शिंदे के समर्थन मे ठाणे में लगे पोस्टर पर हमेशा की तरह उद्धव ठाकरे और आदित्य का चित्र अब गायब हो गया है। केवल बालासाहब ठाकरे का चित्र पोस्टर पर है।
विधानसभा के उपसभापती जो अभी सभापती का अतिरिक्त कार्यभार संभाले हुए हैं श्री. नरहरी झिरवल ने संवाददाता सम्मलेन में कहा कि एकनाथ शिंदे गुट अगर 37 विधायकों के हस्ताक्षर के साथ आवेदन करते हैं तो हस्ताक्षरों की जांच करने के पश्चात ही वे निर्णय करेंगे।
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