झारखंड में रामगढ़ के व्यवहार न्यायालय ने लव जिहादी अकील अहमद को 14 वर्ष की सजा दी है। उस पर एक हिंदू युवती का अपहरण करने, कन्वर्जन करने, उसके साथ दुष्कर्म करने और मारपीट करने का आरोप था।
भारत के अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी लव जिहाद चरम पर है। आए दिन कोई मुसलमान किसी हिंदू युवती या महिला को अपने जाल में फंसा लेता है। इस तरह की घटनाओं पर अब शायद कुछ लगाम लग सकती है। कारण है कि एक लव जिहादी को सजा मिली है। इस तरह की सजा बहुत ही कम होती है और शायद इसलिए लव जिहादी बेलगाम हैं।
सजा पाने वाले लव जिहादी का नाम है अकील अहमद उर्फ़ इरशाद अंसारी। वह रामगढ़ जिले का रहने वाला है। उसका मामला अदालत पहुंचा और बहुत जल्दी ही उसका निपटारा भी हो गया। रामगढ़ के व्यवहार न्यायालय में जिला न्यायाधीश प्रथम राधा कृष्ण की अदालत ने 18 जून को अकील अहमद को 14 वर्ष की सजा और 20,000 रु का जुर्माना लगाया है।
अकील अहमद को आईपीसी की धारा 366 और 376 के तहत दोषी पाया गया।
मामला सितंबर, 2020 का है। युवती के पिता ने थाने में अपहरण का मामला दर्ज करवाया था। मामले की जांच की जिम्मेदारी अधिकारी राजे कुमारी कुजूर और प्रफुल्ल कुमार महतो को सौंपी गई। राजे कुमारी कुजूर ने बताया कि अकील अहमद युवती को नशीला पदार्थ खिलाकर रामगढ़ से रांची और रांची से कोलकाता ले गया। वहीं पर उसने युवती के साथ महीनों तक दुष्कर्म किया। यह मामला कोरोना के शुरुआती दौर का है। काफी समय बीतने के बाद अकील अहमद के पास जब पैसों की कमी पड़ने लगी तो वह वापस युवती को रांची स्थित पुनदाग के एक मुस्लिम मोहल्ले में लेकर आया। इसके कुछ समय बाद अकील ने युवती को जबरन इस्लाम कबूल करवाया और उसके साथ निकाह किया।
पता चला है कि अकील अहमद रामगढ़ में डांस सिखाने का काम करता था। इस दौरान वहां पर कई लड़के और लड़कियां आती थीं। जिस युवती का अकील अहमद ने अपहरण किया था, वह युवती भी उसके संस्थान में डांस सीखती थी। इसी दौरान अकील ने पहले तो युवती से दोस्ती की फिर एक दिन उसे धोखे से नशीला पदार्थ खिलाया और उसका अपहरण कर यहां से ले भागा।
अब वह जेल में है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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