उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने कहा कि योग हमारे ऋषि-मुनियों का प्रसाद है। पहले योग केवल हमारे देश तक सीमित था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे विश्व को योग से परिचित कराया। कोरोना महामारी में हम सभी को अहसास कराया है कि हमारे जीवन में स्वास्थ्य का कितना अधिक महत्व है और योग इसमें कितना बड़ा योगदान निभा रहा है। आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री जी ने ‘मानवता के लिए योग’ का आह्वान किया है। हम सभी को मिलकर मानवता की रक्षा के लिए कार्य करने होंगे।
आज प्रदेश में 3.5 करोड़ से अधिक लोग योग कार्य से जुड़ रहे हैं। हर घर में योग के विचार पहुंचे और लोग से योग से जुड़ें। सभी लोग योग से जुड़ें तथा निरोग की ओर बढ़ें । हम सभी को योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाते हुए अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
योगाभ्यास कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत की ऋषि परम्परा के उपहार योग को देश और दुनिया में पहुंचाने का कार्य किया है। दुनिया के 200 से अधिक देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग से जुड़कर भारत की ऋषि परम्परा और विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हमारी योग रूपी विरासत पर हम सबको गौरवान्वित होने का एक माध्यम है। योग का पहला नियम अनुशासन है। योग हमें अनुशासन में बांधकर शारीरिक एवं मानसिक विकास की ओर लेकर जाता है। यदि शरीर स्वस्थ है, तो धर्म के सभी साधन स्वयं क्रमवार सफल होते जाएंगे, लेकिन यदि शरीर आरोग्य नहीं है तो धर्म का कोई भी साधन सफल नहीं हो सकता। नियमित योगाभ्यास करने वाले व्यक्तियों पर बुढ़ापे एवं रोग का असर नहीं पड़ता। योग से स्वस्थ शरीर को प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को योग से जुड़ना चाहिए। योग मानवता के कल्याण का माध्यम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लगभग 2 वर्ष बाद सामूहिक योग के इस प्रकार के कार्यक्रम पुनः आरम्भ हुये हैं। पूरा विश्व इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना से प्रभावित हुआ है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में देश का कोविड प्रबन्धन दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले सफल रहा है। कोरोना के नियंत्रण में योग का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। वर्तमान में रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है। कोरोना प्रबन्धन एवं नियंत्रण के कार्यक्रमों को व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न किया गया। देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन एवं आजीविका दोनों को सफलतापूर्वक सुरक्षित करने का कार्य किया गया है।
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