शिवसेना और बागी नेता एकनाथ शिंदे के बीच फिर से संबंध बनाने के रास्ते शिवसेना ने लगभग बंद कर दिए हैं। एकनाथ शिंदे को विधानसभा के विधायक दल गुटनेता के पद से हटाया गया है। शिवसेना के विरोध में व्हिप न निकाले, इसलिए अविश्वास जताते हुए यह फैसला लिया गया है। एकनाथ शिंदे सूरत में हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का संदेश लेकर उनके बेहद करीबी मिलिंद नार्वेकर सूरत गए हैं। लेकिन सूरत में उन्हे होटल में जाने की अनुमति नहीं दी गयी और एकनाथ शिंदे ने उन्हे संदेशा भेजा कि वे अब उनसे भेंट या चर्चा नहीं करना चाहते।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई में विधायक दल की बैठक बुलाई थी, जिसमे 55 विधायक की संख्या मे केवल 17 विधायक पहुंचे। पहले कहा गया कि 35 विधायक हैं, लेकिन एकनाथ शिंदे को हटाकर अजय चौधरी को गुटनेता चुनने का जो प्रस्ताव इस बैठक में किया गया, उस पर केवल 17 विधायकों ने हस्ताक्षर किया है। इसका मतलब निकाला जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना गुट के दो तिहाई से अधिक विधायक हैं और इसलिए एकनाथ शिंदे शिवसेना से बाहर होते हैं तो वह शिवसेना में फूट करार दी जा सकती है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने संवाददाता संमेलन में कहा कि हम घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। राज्यसभा और विधानपरिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को अतिरिक्त वोट देकर विधायकों की नाराजगी को प्रकट किया गया है। शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाकर अपनी विचारधारा छोड़ दी है, शिवसेना के विधायकों को यह मंजूर नहीं है। लेकिन इस विषय में निर्णय शिवसेना को ही करना है।
एकनाथ शिंदे के विषय में डैमेज कंट्रोल करने में शिवसेना नेतृत्व ने देरी से प्रयास किए, ऐसा शिवसेना के मंत्री गुलाबराव पाटील और नेता चंद्रकांत खैरे ने कहा है। शिवसेना के कार्यकर्ता शिवसेना भवन पर जमा होकर शिवसेना और उद्धव ठाकरे के समर्थन में नारे लगाए। एनसीपी प्रमुख शरद पवार दिल्ली से मुंबई पहुंच रहे हैं। अजित पवार मुख्यमंत्री से मिलेंगे। आज मुंबई में महाविकास आघाड़ी के नेता बैठक करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे। शरद पवार इस बैठक में उपस्थित रहेंगे।
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