पाकिस्तान के सिंध प्रांत में इलाज में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां एक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र में कर्मचारियों ने उपचार के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे का सिर काटकर उसे हिंदू मां के गर्भ में ही छोड़ दिया। ऐसे में महिला का हालत खराब हो गई। महिला कई घंटे तड़पती रही। हालांकि एलयूएमएचएस के डॉक्टरों ने किसी तरह उसकी जान बचा ली है। इस मामले में सिंध सरकार ने दोषियों का पता लगाने के लिए एक चिकित्सा जांच बोर्ड गठित किया है।
जानकारी के अनुसार लियाकत यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के स्त्री रोग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर राहील सिकंदर ने बताया कि हिंदू महिला थारपारकर जिले के दूरदराज गांव की रहने वाली है। प्रसव पीड़ा होने पर वह अपने क्षेत्र में एक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र में गई थी, जहां कोई स्त्री रोग विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं था। वहां अनुभवहीन कर्मचारियों ने उसका प्रसव कराना शुरू कर दिया।
कर्मचारियों से सर्जरी के दौरान मां के गर्भ में पल रहे शिशु का लापरवाही से सिर कट गया। कर्मचारियों ने उसे मां के पेट में ही छोड़ दिया। उसके बाद महिला की हालत बिगड़ गई। आसपास कहीं इलाज नहीं मिलने पर परिजन उसे एलयूएमएचएस ले आए, जहां डॉक्टरों ने मां के गर्भ से नवजात के शरीर को निकाला, तब महिला की जान बची। डॉक्टर राहील सिकंदर ने बताया कि इस घोर लापरवाही के लिए सिंध स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक डॉ. जुमान बहोतो ने अलग से मामले की जांच का आदेश दिया है।
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