उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उप चुनाव हो रहा है। अखिलेश यादव ने आजमगढ़ की लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद इस सीट पर उप चुनाव हो रहा है। आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था। इस पूरे चुनाव प्रचार के दौरान एक भी दिन अखिलेश यादव चुनाव प्रचार करने आजमगढ़ नहीं गए। इस उप चुनाव में अखिलेश यादव का इस तरह का किनारा चर्चा का विषय बना हुआ है।
भाजपा के विधायक शलभ मणि त्रिपाठी का कहना है, ‘अखिलेश यादव को अंदाजा लग गया है कि वो आजमगढ़ में चुनाव हार रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने चुनाव प्रचार से किनारा कर लिया है। लोग एक कारण और भी बताते हैं कि अखिलेश यादव के पास बताने के लिए यहां कुछ भी नहीं है। कोरोना काल में उन्होंने यहां के लोगों की सुध नहीं ली, जबकि मुख्यमंत्री तीन बार यहां आए। यह भी दिलचस्प है कि अखिलेश यादव आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हो जाने के बाद आजमगढ़ की जनता से मिलने कभी नहीं गए।’
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ लोकसभा सीट पर धर्मेंद्र यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। धर्मेन्द्र यादव मैनपुरी और बदायूं लोकसभा सीट से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। धर्मेन्द्र यादव, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भोजपुरी फिल्मों के कलाकार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को चुनाव मैदान में उतारा है। बहुजन समाज पार्टी ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को प्रत्याशी बनाया है।
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