फातिमा पेमान आखिरकार ऑस्ट्रेलिया के सीनेट की सदस्य बन ही गईं। ऑस्ट्रेलियाई की लेबर पार्टी से सीनेटर बनी फातिमा पहली सांसद हैं जो हिजाब पहनती हैं।
कल ऑस्ट्रेलिया की संसद में छठी सीट पर दावेदारी करने वाली हिजाबधारी फातिमा ने लेबर पार्टी की किस्मत बदलने वाली मानी जा रही हैं। एबीसी न्यूज ने उन पर कल एक बड़ी रिपोर्ट की और उसमें उसकी यह प्रतिक्रिया थी।
सिर्फ 27 साल की फातिमा सीनेट के इतिहास में तीसरी सबसे कम उम्र की सीनेटर बनी हैं। फातिमा ने बताया कि वे जब आठ साल की थीं तब परिवार के साथ अफगानिस्तान से पलायन करके आस्ट्रेलिया आई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि एक अफगान या मुस्लिम होने से पहले वे एक ऑस्ट्रेलियाई लेबर सीनेटर हैं। वे सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं, उनकी आस्था, पृष्ठभूमि, सांस्कृतिक पहचान, आयु या क्षमता कुछ भी क्यों न हो। फातिमा ने कहा कि वे अपने प्रथम राष्ट्र यानी आस्ट्रेलिया में शामिल लोगों सहित सभी का प्रतिनिधित्व करेंगी।
फातिमा पढ़ी—लिखी जरूर हैं लेकिन हिजाब पर उनके विचार कुछ कट्टरता भी दिखाते हैं। क्योंकि फातिमा ने यह भी कहा कि वे हिजाब सिर्फ इसलिए नहीं पहनतीं क्योंकि मीडिया में इस्लामाफोबिया भरा पड़ा है। बल्कि वे चाहती हैं कि जो भी युवा लड़की हिजाब पहनने का फैसला करे तो वह इसे ‘गर्व’ के साथ पहने। उसे इसका पूरा अधिकार है।
फातिमा की यह टिप्पणी ऑस्ट्रेलिया में कई लोगों को अटपटी लगी क्यों कि एक ओर तो वह अपने अफगान या मुस्लिम होने से पहले उस देश को आगे रखने की बात करती हैं जहां उनके परिवार ने आकर शरण ली थी, यानी पहले ऑस्ट्रेलिया के लोगों की चिंता करेंगी। लेकिन साथ ही हिजाब पर उनके कट्टर विचार भी हैं जिसे वह पूरे ‘गर्व’ के साथ पहनने की हिदायत देती हैं। लोगों का मानना है कि असली फातिमा कौन सी हैं यह आगे उनके काम और बर्ताव से सामने आ जाएगा।
टिप्पणियाँ