दुनिया के 100 करोड़ से अधिक लोग मानसिक विकार के शिकार - डब्ल्यूएचओ
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम स्वास्थ्य

दुनिया के 100 करोड़ से अधिक लोग मानसिक विकार के शिकार – डब्ल्यूएचओ

मनोविकार के शिकार सात लोगों में एक किशोर शामिल है। इसकी बड़ी वजहों में बाल्यावस्था में यौन दुर्व्यवहार और अन्य किसी वजह से डराना-धमकाना शामिल है।

by WEB DESK
Jun 18, 2022, 04:00 pm IST
in स्वास्थ्य
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दुनिया में सौ करोड़ लोग किसी न किसी रूप में मानसिक विकार के शिकार हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के स्वास्थ्य संकाय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक नये विश्लेषण में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। इस विश्लेषण के अनुसार दुनिया में मानसिक रोग के शिकार हर सात लोगों में एक किशोर शामिल है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ.टैड्रॉस एडहेनटम घेबरेयेसस ने बताया कि इक्कीसवीं सदी के प्रारंभ से अब तक, मानसिक स्वास्थ्य पर यह सबसे बड़ा विश्लेषण है। उन्होंने बताया कि दुनिया में 100 करोड़ से अधिक लोग मानसिक विकार के साथ जी रहे हैं। इनमें किशोरवय पीड़ितों का हिस्सा 14 प्रतिशत है, यानी मनोविकार के शिकार सात लोगों में एक किशोर शामिल है। इसकी बड़ी वजहों में बाल्यावस्था में यौन दुर्व्यवहार और अन्य किसी वजह से डराना-धमकाना शामिल है।

इस विश्लेषण के मुताबिक, विश्व भर में मनोविकार के कुल पीड़ितों में से 71 प्रतिशत को इलाज भी नहीं मिल पाता है। मनोविकार के शिकार 70 प्रतिशत लोग उच्च-आय वाले देशों में रहते हैं, जबकि निम्न-आय वाले देशों में रहने वाले सिर्फ 12 प्रतिशत लोगों को ही मानसिक स्वास्थ्य देखभाल हासिल हो पाती है। दिव्यांगता के बड़े कारणों में से एक मानसिक विकार है। वहीं सामान्य स्वस्थ लोगों की तुलना में मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों की मृत्यु भी दस से बीस साल पहले ही हो जाती है।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

Topics: mental disorder patientsmental illnessWHOडब्ल्यूएचओमानसिक विकारमानसिक विकार के मरीजमानसिक रोगmental disorder
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

WHO प्रमुख ने कहा- अगली महामारी आना तय

भारत ने खतरनाक बीमारी ‘ट्रेकोमा’ का किया खात्मा, WHO ने सौंपा प्रमाण पत्र

जूनोसिस रोगों के कारण हो जाती है 10 लाख लोगों की मौत, सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का कारण बनती जूनोटिक बीमारियां

बच्चों की जान की दुश्मन बनती दूषित हवा

पर्यावरण चिंतन: वायु प्रदूषण से हर घंटे हो रही 80 बच्चों की मौत, जानिये भारत का हाल

इस रोग से ज्यादातार बच्चे चीन के उत्तरी भाग में ग्रसित देखे गए हैं

WHO की नींद उड़ाने वाली नई चीनी बीमारी कितनी खतरनाक?

मनसुख मंडाविया, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

नकली दवाइयां बर्दाश्त नहीं, 71 कंपनियों को दिया गया नोटिस, 18 को बंद करने का आदेश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Representational Image

IMF से पैसा लेकर आतंकवाद में लगा सकता है पाकिस्तान, भारत ने बैठक में जताई चिंता, रिकॉर्ड पर लिया बयान

PIB Fact Check : दिल्ली आगजनी और मिसाइल हमले का फर्जी वीडियो वायरल, PIB ने खोली पाकिस्तान की पोल!

चित्र वर्तमान समय के अनुसार नहीं है. प्रतीकात्मक हैं.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कर रहा भारी गोलीबारी : भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, हमास के हथकंडे अपना रहा आतंकिस्तान

Tension on the border : जैसलमेर-बाड़मेर समेत 5 ज़िलों में हाई अलर्ट और ब्लैकआउट, शादी-धार्मिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदी

क्या होगा अगर अश्लील सामग्री आपके बच्चों तक पहुंचे..? : ULLU APP के प्रबंधन को NCW ने लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल

पंजाब पर पाकिस्तानी हमला सेना ने किया विफल, RSS ने भी संभाला मोर्चा

Love jihad Uttarakhand Udhamsingh nagar

मूर्तियां फेंकी.. कहा- इस्लाम कबूलो : जिसे समझा हिन्दू वह निकला मुस्लिम, 15 साल बाद समीर मीर ने दिखाया मजहबी रंग

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies