पुरातनता को कायम रखते हुए आधुनिकता के साथ काशी विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। काशी के विकास मॉडल की चर्चा दूसरे प्रदेशों में होने लगी है। अब बनारस के रेहड़ी पटरी वालों की दुकान स्मार्ट होने जा रही है। जिला नगरीय विकास अभिकरण ठेला पटरी व्यवसायियों को बड़ी तादाद में स्मार्ट गुमटियां निशुल्क देने जा रही है।
बनारस के रेहड़ी पटरी वालों की दुकानें अब स्मार्ट दिखेंगी। काशी की सड़कों पर अब आपको एक ही रंग रूप में गुमटी दिखेंगी। ये दिखने में जितनी आकर्षक होंगी उतनी ही इसकी खूबियां भी हैं। जिला नगरीय विकास अभिकरण की परियोजना अधिकारी जया सिंह ने बताया कि सीएसआर फंड से 100 गुमटियां वाराणसी में मिली हैं जिसमें 50 गुमटियां दुर्गाकुंड और 50 हुकुलगंज में लगाई जाएंगी।
जया सिंह ने बताया की ये गुमटियां रेहड़ी पटरी वालों को पूरी तरह निशुल्क दी जाएंगी। इनसे सिर्फ विकास शुल्क लिया जाएगा। स्वनिधि योजना के अंतर्गत ठेला पटरी व्यवसायियों के पुनर्वास के लिए ऐसा किया गया है। एक सी दिखने वाली इस मॉडर्न गुमटी के अंदर रैक बना हुआ है, बिजली की व्यवस्था के साथ ही वाश बेसिन भी लगा है। लोहे से बनी गुमटी काफी मजबूत है। आने वाले समय में ऐसी ही गुमटियां रेहड़ी पटरी व्यवसाईयों को दी जाने की योजना प्रस्तावित है।
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