पैसे के लेनदेन के विवाद में सलीम का राशिद से विवाद था। सलीम अयोध्या के जनपद न्यायालय में मुंशी का काम करता है। राशिद को फंसाने के लिए सलीम ने राशिद का नाम और उसका पूरा पता लिख कर एक धमकी भरा पत्र अयोध्या के जनपद न्यायालय के जिला जज के नाम लिखा था। यह पत्र गत 2 जून को जिला जज को प्राप्त हुआ था। इस मामले का खुलासा होने के बाद सलीम को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पत्र में धमकी दी गई थी कि जनपद न्यायालय को बम से उड़ा दिया जाएगा। इस पत्र को जिला जज ने पुलिस अधीक्षक को भिजवाया। इसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने जब राशिद से पूछताछ की तो पाया कि राशिद का इस मामले से कोई सरोकार नहीं है। इसके बाद पुलिस ने गहन छानबीन शुरू की।
पुलिस को यह लग गया कि यह धमकी भरा पत्र राशिद को फंसाने के लिए लिखा गया था। पुलिस ने राशिद से रंजिश रखने वाले लोगों का पता लगाना शुरू किया तब सलीम का नाम सामने आया। सलीम से राशिद का पैसे का विवाद चल रहा था। पुलिस ने सलीम को हिरासत में लेकर जब सख्ती से पूछताछ की तो सलीम ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि गत दो जून को जिला न्यायालय से एक पत्र आया था। उस पत्र में जनपद न्यायालय को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। उसमे राशिद नाम के एक व्यक्ति को फंसाने का प्रयास किया गया था। विवेचना में पाया गया कि पत्र राशिद के नाम पर सलीम ने लिखा था, ताकि राशिद को फंसाया जा सके। कचहरी में मुंशी का काम करने वाले सलीम ने स्वीकार किया कि राशिद से उसका लेन देन का विवाद था जिसके कारण उसने इस प्रकार का षड्यंत्र रचा था।
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