पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहले दिन गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के अग्रिम इलाकों का दौरा किया और सीमा पर सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अग्रिम क्षेत्रों की देखभाल करने वाली सैन्य चौकियों को देखा और वहां तैनात सैनिकों से बात करके उनका हौसला बढ़ाया। उन्हें अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई।
केंद्र शासित प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे राजनाथ सिंह थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, 15वीं कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल एएस औजला और 19 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल अजय चांदपुरिया के साथ पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर पहुंचे। उन्हें नियंत्रण रेखा पर मौजूदा युद्ध विराम समझौते, क्षेत्र की किलेबंदी के लिए किये गए विकास कार्यों, घुसपैठ रोधी ग्रिड, परिचालन तैयारियों और सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना-नागरिक संपर्क के बारे में जानकारी दी गई। 15वीं कोर के मुख्यालय में पहुंचने पर राजनाथ सिंह को जीओसी ने नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों में मौजूद समग्र सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्हें अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई।
राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कर्मियों के साथ बातचीत की। उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी कुशलतापूर्वक अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए सैनिकों की वीरता और उत्साह को उल्लेखनीय बताते हुए उनकी सराहना की। उन्होंने नागरिक प्रशासन के सभी वर्गों, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच उत्कृष्ट तालमेल को भी सराहा। रक्षा मंत्री ने कहा कि इसी वजह से जम्मू-कश्मीर में नए युग को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है।
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को ललकारते हुए कहा कि हमारे पड़ोसी ने हमेशा भारत विरोधी गतिविधियों का सहारा लिया है। राज्य में पहले भी आतंकी गतिविधियां देखी गई हैं। सशस्त्र बलों, बीएसएफ, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के अथक प्रयासों के कारण राज्य में आतंकवादी गतिविधियां कम हुईं हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान लगातार भारत में शांति भंग करने की कोशिश करता रहता है। हमारे सुरक्षा बल इस देश के लिए ऐसा सुरक्षा कवच हैं कि इसे तोड़ने की कोशिश करने वाला खुद को ही लहूलुहान कर लेता है। राष्ट्र को हमारे सुरक्षा बलों पर बहुत भरोसा है जो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि कश्मीर घाटी में विकास, शांति और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने दोहराया कि भारत एक शांतिप्रिय देश है जिसने दुनिया को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (पूरी दुनिया एक परिवार है) का संदेश दिया है। भारत ने कभी किसी देश को किसी भी तरह से चोट पहुंचाने की कोशिश नहीं की और न ही हमने किसी की एक इंच भी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की है। उन्होंने राष्ट्र को आश्वासन दिया कि यदि कभी भी राष्ट्र की एकता और अखंडता को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जाती है, तो सशस्त्र बल इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सशस्त्र बल भविष्य की चुनौतियों का पूरी ताकत के साथ सामना करेंगे और उनकी वीरता और समर्पण देश के सुनहरे भविष्य का निर्माण करेगा।
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