पश्चिम बंगाल में शिक्षा विभाग में बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर धांधली की जांच चल ही रही है, इसी बीच राज्य के मदरसों में भी शिक्षक नियुक्ति में धांधली के मामले उजागर हुए हैं। गत दिनों सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने इस पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो मदरसों को बंद करवा देंगे। इसके अलावा न्यायालय ने मदरसा कमीशन पर 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस रुपए को इन सभी आवेदनकारियों में 10-10 हजार के हिसाब से बांटना होगा। उल्लेखनीय है कि इसके पहले एसएससी के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती में घोटाला सामने आया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद एसएससी भर्ती मामले में सीबीआई ने मंत्री पार्थ चटर्जी और मंत्री परेश चंद्र अधिकारी से पूछताछ की थी। फर्जी रूप से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों की नियुक्ति भी रद्द कर दी थी।
नियुक्ति में हुआ गड़बड़झाला
साल,2010 में मदरसा कमीशन रूल के मुताबिक विशेष प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को नियुक्ति में प्राथमिकता देने की बात कही गई थी। इसके बाद 2014 में मदरसा शिक्षक नियुक्ति की विज्ञप्ति जारी हुई। इस दौरान आरोप यह लगा कि जो नियुक्ति हुई है, उसमें विशेष प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को नियुक्ति का मौका ही नहीं दिया गया है। अकमल हुसैन सहित सात प्रशिक्षण प्राप्त लोगों ने न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग कर याचिका लगाई है। इसी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति गांगुली ने कहा कि भविष्य में नियुक्तियों में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को प्राथमिकता देनी होगी।
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